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    महरंग बलूच ने खोली पाकिस्तान की पोल, जेल से लिखे पत्र में बताई शहबाज सरकार की सच्चाई

    By Agency Edited By: Sakshi Pandey
    Updated: Fri, 13 Jun 2025 10:36 AM (IST)

    Mahrang Baloch बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच ने क्वेटा जेल से एक लेख में पाकिस्तानी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वालों को कैद करती है उन्हें बदनाम करती है और गायब करवा देती है। महरंग ने बताया कि उन्हें चुप रहने और राजनीतिक गतिविधियों से दूर रहने के लिए कहा गया लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।

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    महरंग बलूच ने जेल से लिखा पत्र। फाइल फोटो

    एएनआई, बलूचिस्तान। बलूच अधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच ने एक बार फिर पाकिस्तान की सरकार के मंसूबों को दुनिया के सामने रख दिया है। महरंग बलूच ने क्वेटा की हुड्डा जेल से एक लेख लिखा है, जिसमें सरकार की दमन की कार्रवाइयों को उजागर किया गया है।

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    महरंग बलूच का आरोप है कि जो भी पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ बोलता है तो उसे कैद कर लिया जाता है, उसे बदनाम करने के लिए अलग-अलग अभियान चलाए जाते हैं और उसे जबरन गायब कर दिया जाता है।

    महरंग बलूच ने जेल से लिखा पत्र

    बलूच पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, महरंग ने अपने लेख में लिखा कि मैं पिछले ढाई महीने से पाकिस्तान की क्वेटा में मौजूद हु्ड्डा जेल में बंद हूं। यह वही जगह है जहां करीब दो दशक पहले मरे पिता को भी बंद किया गया था। वो बलूचिस्तान के लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ रहे थे।

    महरंग बलूच ने कहा -

    गिरफ्तारी के बाद मुझे तोड़ने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने सभी तरह के हथकंडे अपना लिए। मेरे सामने शर्त रखी गई कि अगर मैं चुप रहूंगी और राजनीतिक गतिविधियों से दूर बना लूंगी तो मुझे घर जाने दिया जाएगा। सरकार मुझे हिंसा या आपराधिक कृत्य से जोड़ने की कोशिश कर रही है। मगर इस संदर्भ में सरकार कोई भी सबूत पेश नहीं कर पाई है।

    ट्रेन हाईजैक के दौरान पत्रकारों से की थी बात

    महरंग बलूच के अनुसार पाकिस्तान की सरकार मेरी गिरफ्तारी के पीछे सिर्फ एक ही सबूत पेश करती है और वो है मेरी 22 मार्च की प्रेस कॉन्फ्रेंस। इसी दौरान कुछ हथियारबंद आतंकवादियों ने ट्रेन का अपहरण कर लिया था और 300 यात्रियों को घंटों तक बंधक बनाए था। तभी मैंने पत्रकारों से बात की थी। इसी का हवाला देकर पाक सरकार ने मुझे बंदी बना लिया।