ट्रंप के गाजा प्लान पर पलट गया पाकिस्तान; बोला- इसके लिए थोड़े ही किया था समर्थन
पाकिस्तान ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध को खत्म करने के लिए अमेरिका के 20 सूत्रीय प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि ट्रंप की ओर से घोषित गाजा प्लान उनके प्रस्ताव के अनुरूप नहीं है जिसमें बदलाव किए गए हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान ने इजरायल और हमास के बीच युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका के 20 सूत्रीय प्रस्ताव का समर्थन करने से इनकार कर दिया है। हाल ही में डोनल्ड ट्रंप ने गाजा शांति समझौते का समर्थन करने के लिए पाकिस्तान की जमकर तारीफ की थी.
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि ट्रंप की ओर से इस सप्ताह घोषित 20-सूत्रीय गाजा प्लान वॉशिंगटन में मुस्लिम-बहुल देशों के एक समूह द्वारा प्रस्तावित मसौदे के अनुरूप नहीं है। डार ने शुक्रवार को संसद में पाकिस्तानी सांसदों को बताया, "योजना में बदलाव किए गए हैं।"
क्या बोले इशाक डार?
उन्होंने कहा, "मैंने साफ कर दिया है कि ये 20 बिंदु, जिन्हें ट्रंप ने सार्वजनिक किया है, हमारे नहीं हैं। ये हमारे जैसे नहीं हैं। मैं कहता हूं कि हमारे पास जो मसौदा था, उसमें कुछ बदलाव किए गए हैं।" डार की यह टिप्पणी पाकिस्तान की ओर से ट्रंप की शांति योजना के खुले समर्थन के बाद आई है, जिस पर अमेरिका में भारी आक्रोश है।
पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने की थी घोषणा
पिछले सप्ताह अपनी योजना की घोषणा करते हुए ट्रंप ने दावा किया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर दोनों ही इसके "100 प्रतिशत" समर्थन में हैं। ट्रम्प की ओर से योजना की घोषणा के बाद, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसका स्वागत किया और द्वि-राज्य समाधान के कार्यान्वयन का आह्वान किया।
शरीफ ने रविवार रात एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं इस बात से भी आश्वस्त हूं कि फलस्तीनी लोगों और इजरायल के बीच स्थायी शांति क्षेत्र में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक विकास लाने के लिए आवश्यक होगी।"
किस प्रस्ताव को मानने से पाकिस्तान ने किया इन्कार
वॉशिंगटन के प्रस्ताव में गाजा पर शासन करने वाले फलस्तीनी समूह हमास को निरस्त्रीकरण का आदेश दिया गया था। इस योजना में प्रस्ताव है कि गाजा का संचालन एक "शांति बोर्ड" द्वारा किया जाएगा, जिसकी अध्यक्षता स्वयं अमेरिकी राष्ट्रपति करेंगे।
इसमें इजरायल द्वारा फलस्तीनी क्षेत्र से चरणबद्ध तरीके से वापसी, बंधकों की अदला-बदली और गाजा के पुनर्निर्माण की शर्तें भी रखी गई हैं, जिसका खर्च अरब देश उठाएंगे। समस्या? निकट भविष्य में फलस्तीनी राज्य का मार्ग अस्पष्ट है।
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