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    '36 घंटे में 80 ड्रोन...', ऑपरेशन सिंदूर पर पाकिस्तान का कबूलनामा, नूरखान एयरबेस पर हमले की पुष्टि की

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 10:39 PM (IST)

    पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत नूर खान एयरबेस पर हमला किया था। उन्होंने बताय ...और पढ़ें

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    पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ऑरपेशन सिंदूर के दौरान भारत द्वारा नूरखान एयरबेस पर सटीक हमलों के असर को पाकिस्तान के एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा सार्वजनिक रूप से स्वीकार करने के बाद पड़ोसी देश एक बार फिर बचाव की मुद्रा में आ गया है।

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    यह बात पाकिस्तान के विदेश मंत्री और उप प्रधानमंत्री इशाक डार ने स्वीकार की, जिन्होंने शनिवार को साल का आखिर प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पुष्टि की कि भारत ने रावलपिंडी के चकलाल इलाके में नूर खान एयर बेस को निशाना बनाया था। डार ने स्वीकार किया कि हमले से सैन्य ठिकाने को नुकसान हुआ और वहां तैनात कर्मी घायल हुए।

    ऑपरेशन सिंदूर इशाक डार का कबूलनामा

    न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, पत्रकारों को संबोधित करते हुए डार ने कहा कि भारत ने कम समय में पाकिस्तानी क्षेत्र में कई ड्रोन भेजे, जो ऑपरेशन के पैमाने को दिखाता है। उन्होंने दावा किया, "उन्होंने (भारत ने) पाकिस्तान की ओर ड्रोन भेजे। 36 घंटों में कम से कम 80 ड्रोन भेजे गए। हम 80 में से 79 ड्रोन को रोकने में कामयाब रहे और केवल एक ड्रोन ने एक सैन्य ठिकाने को नुकसान पहुंचाया और हमले में कर्मी भी घायल हुए।"

    विदेश मंत्री ने हमलों के बाद की घटनाओं के क्रम का वर्णन करते हुए कहा कि प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान के नागरिक और सैन्य नेतृत्व ने 9 मई की रात को बदलती स्थिति पर प्रतिक्रिया देने के लिए एक आपातकालीन बैठक की।

    भारत ने नूर खान एयर बेस पर हमला किया- डार

    उन्होंने आगे कहा कि भारत ने 10 मई की सुबह नूर खान एयर बेस पर हमला करके गलती की। यह टिप्पणी हमले और उसके प्रभाव को और स्वीकार करती है।

    पहलगाम हमले के बाद शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर

    डार की टिप्पणियां मई में पाकिस्तानी हवाई अड्डों पर भारत की सैन्य कार्रवाई के बारे में एक शीर्ष पाकिस्तानी अधिकारी द्वारा दुर्लभ सार्वजनिक स्वीकारोक्ति है।

    ये हमले ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए, जिसे भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू और कश्मीर में नौ आतंकी शिविरों को निशाना बनाने के लिए शुरू किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला था जिसमें 26 नागरिक मारे गए थे।

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