पाकिस्तान पुलिस की बड़ी कार्रवाई, पंजाब प्रांत में एक साथ 20 आतंकी किए गिरफ्तार
पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग (सीटीडी) के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा है कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने टीटीपी के 20 आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम कर दी। इसके साथ ही पंजाब के विभिन्न भागों में इस सप्ताह गुप्तचर आधारित अभियानों के दौरान आतंकियों की गिरफ्तारी की गई। भी आतंकी तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) से जुड़े हैं।
पीटीआई, लाहौर। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने एक सिख समेत 20 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने शनिवार को बताया कि सिख आतंकी मनमोहन सिंह समेत सभी आतंकी तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) से जुड़े हैं।
पंजाब पुलिस के आतंकवाद विरोधी विभाग (सीटीडी) के प्रवक्ता ने एक वक्तव्य में कहा है कि कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने टीटीपी के 20 आतंकियों को गिरफ्तार कर एक बड़ी आतंकी साजिश नाकाम कर दी। पंजाब के विभिन्न भागों में इस सप्ताह गुप्तचर आधारित अभियानों के दौरान आतंकियों की गिरफ्तारी की गई।
ये नाम हैं के आतंकियों
प्रवक्ता ने कहा है, टीटीपी के तीन खतरनाक आतंकियों मनमोहन सिंह, नकीबुल्लाह और रियाज को क्रमश: रावलपिंडी, लाहौर और रहीम यार खान से गिरफ्तार किया गया।
बयान के अनुसार, उनके पास से 6,238 ग्राम विस्फोटक, 23 डेटोनेटर, 61 फीट सेफ्टी फ्यूज वायर, तीन आइईडी बम और प्रतिबंधित साहित्य बरामद किए गए हैं।
आगे की जांच की जा रही है
सीटीडी ने कहा है, इन आतंकियों ने लाहौर एवं अन्य शहरों में महत्वपूर्ण भवनों को निशाना बनाने का षडयंत्र रचा था। गिरफ्तार आतंकियों के विरुद्ध 18 मामले पंजीकृत किए गए हैं और आगे की जांच की जा रही है।
पाकिस्तान में नमाज अदा करने पर 23 अहमदिया गिरफ्तार
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ बर्बरता जारी है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय के 23 सदस्यों को शुक्रवार की नमाज अदा करने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस को सूचना मिली कि 27 अहमदी लाहौर से 100 किलोमीटर दूर सियालकोट के दस्का में नमाज अदा कर रहे हैं।
स्थानीय मुसलमानों की भावनाएं आहत हुईं
पुलिस अधिकारी मुहम्मद तंजील ने कहा कि चूंकि इससे स्थानीय मुसलमानों की भावनाएं आहत हुईं, इसलिए पुलिस ने उन अहमदियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। उनमें से 23 को गिरफ्तार कर लिया गया है। अहमदी खुद को मुस्लिम मानते हैं, लेकिन 1974 में पाकिस्तान की संसद ने इस समुदाय को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया।
एक दशक बाद उन्हें न केवल खुद को मुस्लिम कहने से प्रतिबंधित कर दिया गया, बल्कि इस्लाम के नियमों का अभ्यास करने से भी रोक दिया गया। जमात-ए-अहमदिया पाकिस्तान (जेएपी) ने निर्दोष अहमदी पुरुषों और बच्चों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की।
चरमपंथियों ने लगाए उत्तेजक नारे
उन्होंने कहा कि अहमदियों का समूह दस्का में एकत्र हुआ था। कुछ ही देर बाद धार्मिक चरमपंथी बाहर इकट्ठे हो गए और उत्तेजक नारे लगाने लगे। अहमदियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के पीछे कथित तौर पर कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान का हाथ है।
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