बांग्लादेश में राजनीतिक संकट...उस्मान हादी के भाई ने यूनुस सरकार पर हत्या का आरोप लगाया, मुख्य सलाहकार का इस्तीफा
बांग्लादेश में जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मानहादी की हत्या के बाद राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। हादी के भाई श ...और पढ़ें

उस्मान हादी के भाई ने यूनुस सरकार पर हत्या का आरोप लगाया
डिजिटल डेस्क, ढाका। बांग्लादेश में जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता और इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद राजनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया है। हादी के भाई शरीफ उमर हादी ने अंतरिम सरकार के एक गुट पर हत्या की साजिश रचने और फरवरी में होने वाले आम चुनाव को पटरी से उतारने का गंभीर आरोप लगाया है।
इन आरोपों के कुछ घंटों बाद ही मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के विशेष सहायक (गृह मंत्रालय) मोहम्मद खुदा बख्श चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने स्वीकार कर लिया।
आरोपों का विवरणमंगलवार को ढाका के शाहबाग में इंकलाब मंच द्वारा आयोजित विरोध रैली में उमर हादी ने कहा, "उस्मान हादी की हत्या तुमने ही करवाई थी, और अब तुम इसे मुद्दा बनाकर चुनाव को विफल करने की कोशिश कर रहे हो।"
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हत्या में शामिल लोगों को बेनकाब नहीं किया गया तो सरकार को देश छोड़कर भागना पड़ेगा, जैसा अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के साथ हुआ। उमर ने आरोप लगाया कि सरकार का एक हिस्सा किसी "एजेंसी या देश" के इशारे पर हत्या करवाई गई।
इंकलाब मंच ने गृह सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (रिटा.) जहांगीर आलम चौधरी, कानून सलाहकार आसिफ नजरुल और खुदा बख्श चौधरी के इस्तीफे की मांग की है। कानून सलाहकार ने स्पीडी ट्रायल ट्रिब्यूनल में मुकदमा चलाने का वादा किया है, जिसमें 90 दिनों में सुनवाई पूरी होती है।
कैबिनेट डिवीजन ने बुधवार रात अधिसूचना जारी कर कहा कि पूर्व पुलिस प्रमुख खुदा बख्श चौधरी का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। इस्तीफे के कारणों का खुलासा नहीं हुआ, लेकिन यह हादी हत्या के बाद बढ़ते दबाव और इंकलाब मंच की मांगों के बीच आया है।
हादी, जो फरवरी चुनाव में उम्मीदवार था
हादी को 12 दिसंबर को ढाका में नकाबपोश हमलावरों ने गोली मारी थी। सिंगापुर में इलाज के दौरान 18 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। हादी जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता थे, जिसने शेख हसीना सरकार को गिराया। वे भारत के कट्टर आलोचक था और इंकलाब मंच के संस्थापक सदस्य थे।
उनकी मौत के बाद ढाका में हिंसा भड़की, जिसमें प्रोथोम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों में आग लगाई गई और सांस्कृतिक समूहों पर हमले हुए। मध्य मयमनसिंह में एक हिंदू मजदूर को भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला।
चुनाव पर असर
हादी चुनाव कराने के पक्षधर थे और फरवरी तक चुनाव चाहते थे। उनके भाई ने कहा कि हत्या का उद्देश्य चुनाव को बाधित करना है। अंतरिम सरकार पर कानून-व्यवस्था बनाए रखने में विफलता के आरोप लग रहे हैं। जांच जारी है, कई गिरफ्तारियां हुई हैं, लेकिन मुख्य आरोपी फरार बताया जा रहा है।
यह घटना बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता को उजागर कर रही है, जहां फरवरी चुनाव से पहले तनाव बढ़ता जा रहा है। अंतरिम सरकार ने शांति की अपील की है, लेकिन विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

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