सिंगापुर में मिल-बैठे विश्व के शीर्ष खुफिया अफसर, RAW प्रमुख सामंत गोयल ने लिया हिस्सा
बैठक में रूस का प्रतिनिधि नहीं था। बैठक में वैश्विक स्थिरता के मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी पर भी चर्चा हुई है। यह जानकारी पहचान स्पष्ट न करने की शर्त पर पांच उच्च पदस्थ लोगों ने दी।

सिंगापुर, रॉयटर। विश्व के करीब 24 देशों की प्रमुख खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी इस सप्ताह के अंत में सिंगापुर में हो रहे शांग्री-ला सिक्युरिटी डायलॉग के मौके पर मिले और वैश्विक स्थिति पर विचार किया। जिन देशों के खुफिया एजेंसियों के अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया उनमें अमेरिका, चीन, भारत और ब्रिटेन प्रमुख थे।
आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी पर हुई चर्चा
बैठक में रूस का प्रतिनिधि नहीं था। बैठक में वैश्विक स्थिरता के मुद्दों पर विचार-विमर्श हुआ। यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा हुई। इसके अतिरिक्त आतंकवाद और नशीले पदार्थों की तस्करी पर भी चर्चा हुई है। यह जानकारी पहचान स्पष्ट न करने की शर्त पर पांच उच्च पदस्थ लोगों ने दी है।
सिंगापुर सरकार यह बैठक अघोषित रूप से आयोजित करती है और इसके लिए स्थल भी शांग्री ला डायलॉग स्थल से पृथक होता है।
बैठक में राष्ट्रीय खुफिया की निदेशक अवरिल हायंस ने भाग लिया
इस तरह की बैठक पूर्व के वर्षों में भी होती रही है लेकिन उसका कभी मीडिया में उल्लेख नहीं हुआ है। अमेरिका की ओर से बैठक में राष्ट्रीय खुफिया की निदेशक अवरिल हायंस ने भाग लिया जबकि चीन के खुफिया प्रमुख भी बैठक में शामिल हुए। भारत की ओर से विदेशी सूचनाओं को एकत्रित करने और उनका विश्लेषण करने वाली एजेंसी रा के प्रमुख सामंत गोयल ने हिस्सा लिया।
सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने दिया जवाब
बैठक में कनाडा, ऑट्रेलिया और न्यूजीलैंड के शीर्ष खुफिया अधिकारियों के भाग लेने की जानकारी मिली है। सिंगापुर के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने सवाल के जवाब में कहा,शांग्री-ला डॉयलाग में विभिन्न देशों की सरकारों से जुड़े अधिकारियों को मिलने और अपने विचार रखने का अवसर प्राप्त होता है। इन अधिकारियों में खुफिया विभाग के अधिकारी भी होते हैं।"
सिंगापुर का रक्षा मंत्रालय खुफिया विभाग के अधिकारियों की बैठक के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं करता है। लेकिन सिंगापुर स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि उसके पास इस तरह की बैठक की सूचना नहीं है। चीन और भारत की सरकारों ने भी इस बाबत पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए हैं।
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