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    Twitter vs Trump: ट्विटर समेत कई प्‍लेटफार्म से क्‍यों बेदखल हुए थे डोनाल्‍ड ट्रंप, जानें- क्‍या है पूरा मामला

    By Ramesh MishraEdited By:
    Updated: Sun, 20 Nov 2022 02:17 PM (IST)

    Twitter vs Trump ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया के सबसे ताकतवर नेता को आखिर ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया के प्‍लेटफार्मों से क्‍यों बेदखल किया गया था। ट्रंप पर क्‍या गंभीर आरोप थे। किस-किस प्‍लेटफार्मों ने ट्रंप को प्रतिबंध‍ित किया था।

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    Twitter vs Trump: ट्विटर समेत कई प्‍लेटफार्म से क्‍यों बेदखल हुए थे डोनाल्‍ड ट्रंप। एजेंसी।

    नई दिल्‍ली, जेएनएन। Twitter vs Trump: आखिरकार ट्विटर ने अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप को उन पर लगे आरोपों से बरी कर दिया है। अब ट्रंप के करोड़ों समर्थक उनको ट्विटर पर देख सकेंगे, सुन सकेंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि दुनिया के सबसे ताकतवर नेता को आखिर ट्विटर समेत कई सोशल मीडिया के प्‍लेटफार्मों से क्‍यों बेदखल किया गया था। ट्रंप पर क्‍या गंभीर आरोप थे। किस-किस प्‍लेटफार्मों ने ट्रंप को प्रतिबंध‍ित किया था। इस कड़ी में हम आपको बताएंगे कि ट्विटर ने कितनी बार उनको अपने साइट से बेदखल किया, कितनी बार उनको चेतावनी जारी किया था। 

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    ट्रंप का क्‍या था ट्विटर से विवाद

    1- 9 जनवरी, 2021 को डोनाल्‍ड ट्रंप के अकाउंट को हमेशा के लिए निलंबित कर दिया गया था। इसके पूर्व ट्रंप को आगाह किया गया था। ट्विटर का तर्क था कि ऐसा हिंसा को बढ़ावा देने की आशंका को देखते हुए निर्णय लिया गया है। इसके पूर्व उनके अकाउंट को 12 घंटों के लिए लाक किया गया था। ट्विटर ने ट्रंप के इस पोस्‍ट पर सख्‍त ऐतराज जताया था, जिसमें उन्‍होंने हिंसक समर्थकों को देशभक्‍त कहा था। इस बयान के बाद अमेरिका में हिंसा में काफी तेजी आई थी। सैकड़ों ट्रंप समर्थक कांग्रेस की कैपिटल बिल्डिंग में प्रवेश कर गए थे। उस वक्‍त अमेरिका में नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति जो बाइडन की जीत की औपचारिक पुष्टि की प्रक्रिया चल रही थी।

    2- इसके पूर्व ट्विटर ने वर्ष 2020 में अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के खिलाफ कदम उठाया था। उस वक्‍त ट्विटर ने उनके ट्वीट को फैक्‍ट चेक से जोड़ दिया था। उस वक्‍त ट्विटर पर ट्रंप के 8.8 करोड़ फालोवर्स थे। अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव के दौरान ट्रंप पोस्‍टल बैलेट में धांधली का दावा रहे थे। अमेरिका में ब्‍लैक लाइव्‍स मैटर आंदोलन चल रहा था। उस वक्‍त ट्रंप ने सेना लगाने की धमकी देते हुए कहा था कि लूटपाट करने वालों को शूट कर दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद अमेरिका में सियासत गरमा गई थी।

    3- उस दौरान अमेरिका के कई सांसदों ने ट्विटर से ट्रंप को हटाने की मांग की थी। इतना ही नहीं मिशेल ओबामा ने भी ट्रंप को ट्विटर से हटाने की मांग की थी। उस वक्‍त ट्विटर ने ट्रंप के हर ट्वीट को फैक्‍ट चेक पर लगाए रखा। इतना ही नहीं ट्विटर ने डोनाल्‍ड ट्रंप के दो वफादरों पूर्व राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल फ्लिन और अटार्नी सिडनी पावेल को हमेशा के लिए प्रतिबंधित कर दिया था। ट्विटर के 350 कर्मचारियों ने एक पत्र के जरिए कंपनी के सीईओ जैक डोर्सी से कैपिटल हिंसा को लेकर ट्रंप के अकाउंट को प्रतिबंधित करने के लिए कहा था।

    ट्विटर ने प्रतिबंधों की बताई वजह

    1- ट्विटर ने अपने ब्‍लाग पोस्‍ट पर लिखा था कि अमेरिका में इस हफ्ते खतरनाक चीजें हुईं हैं। ट्विटर ने ट्रंप को स्‍पष्‍ट रूप से कहा था कि अगर हमारे नियमों का उल्‍लंघन किया गया तो कार्रवाई होगी। ट्विटर ने ट्रंप पर गलत सूचना फैलाना, फर्जी खबरें देना, हिंसा को उकसाने वाली पोस्‍ट के चलते ट्विटर ने अपने प्‍लेटफार्म से निलंबन का मुख्‍य कारण बताया था। ट्विटर ने कहा था कि हमारा जनहित फ्रेमवर्क है। यह दुनिया के नेताओं और चुने गए अधिकारियों को सीधे सुनने का मंच मुहैया कराता है।

    2- ट्विटर ने कहा कि हमारा सिद्धांत है कि लोगों के पास अपना खाता खुला रखने का अधिकार है, लेकिन अकाउंट नियमों से परे नहीं हो सकता। ट्विटर ने साफ किया कि इस प्‍लेटफार्म का इस्‍तेमाल हिंसा फैलाने में नहीं किया जा सकता है। हालांक‍ि, ट्विटर पर ट्रंप के होने से इस प्‍लेटफार्म को काफी फायदा था। ट्विटर दुनिया के सबसे शक्तिशाली व्‍यक्ति से रूबरू होने का प्‍लेटफार्म रहा है। ट्विटर ने कैपिटल बिल्डिंग पर हिंसा के 48 घंटे बाद यह निर्णय लिया था। उस वक्‍त ट्विटर के लिए यह फैसला लेना आसान नहीं था।

    कई सोशल प्‍लेटफार्म ने ट्रंप को अपने साइट से हटाया

    ट्विटर ही नहीं दुनिया के अन्‍य प्रख्‍यात सोशल मीडिया प्‍लेटफार्मों ने भी ट्रंप को अपने प्‍लेटफार्म से बेदखल किया था। लोकप्रिय गेमिंग प्‍लेटफार्म ट्विच ने ट्रंप के चैनल पर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। दरअसल, ट्रंप इस चैनल के जरिए अपनी रैलियों का प्रसारण करते थे। इसके अलावा ई-कामर्स कंपनी शोपिफाई ने भी डोनाल्‍ड ट्रंप के सभी चुनावी अभियानों को अपने स्‍टोर से हटा दिया था। बता दें कि शोपिफाई आनलाइन स्‍टोर प्‍लेटफार्म है। यह एक कनाडा की कंपनी है। ट्रंप पर प्रतिबंध लगाते हुए कंपनी का दावा था कि इसमें हिंसा को फैलाने वाली सामग्री है। इसके अतिरिक्‍त रेडिट ने भी डोनाल्‍ड ट्रंप फोरम पर प्रतिबंध लगा दिया था।

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