'चाचा विधायक हैं...', कह सकता है भतीजा पर बन नहीं सकता; मैक्सिको कर रहा है ऐसी व्यवस्था
भारतीय राजनीति में परिवारवाद हमेशा चर्चा का विषय रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मानते हैं जबकि विपक्ष इसे अलग नजरिये से देखता है। अमेरिका में पहले से ही एंटी-नेपोटिज्म कानून लागू है। वहीं मैक्सिको अब एंटी-नेपोटिज्म कानून लाने की तैयारी में है। ऐसे में सवाल ये है कि भारत में भाई-भतीजावाद की चर्चा होती है लेकिन क्या स्थिति है?
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजनीति में परिवारवाद और वंशवाद को लेकर पार्टियां एक-दूसरे पर छींटाकशी करती रहती हैं। नरेंद्र मोदी ने साल 2014 भाई-भतीजावाद, परिवारवाद, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण जैसे मुद्दों से विपक्ष को न सिर्फ घेरा, बल्कि मात भी दी और देश के प्रधानमंत्री बने।
तब से हर चुनाव में परिवारवाद मुद्दा तो बनता है, लेकिन इसको लेकर कभी कोई कानून बनाने की बात नहीं हुई। वहीं मैक्सिको की सरकार राजनीति में परिवारवाद पर शिकंजा कसने के लिए कानून बनाने वाली हैं।
मैक्सिको में सरकार 20230 तक परिवारवाद पर लगाम लगाने वाले कानून को लागू कर देगी। परिवारवाद विरोधी यह कानून नेशनल, स्टेट और रीजनल तीनों ही स्तर पर एक ही परिवार के लोगों को राजनीति में आने से रोकने के लिए लाया जा रहा है।
कानून लाने के लिए सरकार को क्या करना होगा?
मैक्सिको सरकार की ओर से कहा गया है कि यह कानून परिवारवाद के साथ-साथ नेताओं के हारने के बाद तुरंत चुनाव लड़ने पर भी पाबंदी लगाएगा। यानी कि सीनेटर, डिप्टी, गवर्नर और महापौर अब एक ही पद पर लगातार नहीं रह पाएंगे, उनका कार्यकाल नहीं बढ़ेगा।
परिवारवाद पर पाबंदी लगाने वाले कानून को लाने के लिए मैक्सिको संविधान के अनुच्छेद 55, 82, 115, 116 और 122 में संशोधन किया जाएगा।
कानून लाने में हो रही देरी से जनता नाराज
बता दें कि इस कानून को लागू करने के लिए मैक्सिको के सभी राज्यों की मंजूरी अनिवार्य होगी। यहां इस कानून को लागू करने में हो रही देरी से लोगों में नाराजगी है। उनका मानना है कि साल 2030 तक नेता अपने लोगों को बड़े पदों पर बैठा सकते हैं। इस लोगों शांत कराते हुए राष्ट्रपति क्लाउडिया शिबनाम ने ऐलान किया है कि साल 2030 तक किसी भी प्रकार के चुनाव ही आयोजित नहीं किए जाएंगे।
क्या अमेरिका में है नेपोटिज्म कानून?
अमेरिका में अहम पदों पर परिवारवाद को रोकने के लिए फेडरल एंटी-नेपोटिज्म कानून बनाया गया। इस कानून के जरिये संघीय अधिकारियों या कांग्रेस सदस्यों (MP)को उस विभाग में रिश्तेदारों की भर्ती से रोकता है, जिसका जिम्मा वह संभाल रहे हैं।
हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति को इस कानून में कुछ छूट दी गई हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति अपने रिश्तेदारों को सलाहकार या व्हाइट हाउस स्टाफ में नियुक्ति कर सकता है।
क्या है पीएम मोदी के परिवारवाद की परिभाषा?
पीएम मोदी परिवारवाद के आरोप को काटते हुए जब विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घेरा। इस पर जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा था-
"अगर किसी परिवार ने अपने बलबूते पर तरक्की की है तो हम उसका विरोध नहीं करते हैं। हमारा विरोध उस परिवारवाद से है, जो परिवार पार्टी चलाता है। पार्टी के सारे फैसले परिवार लेता है। परिवार के सदस्य ही पार्टी अध्यक्ष बनते हैं। अमित शाह के परिवार की अपनी कोई पार्टी नहीं है। राजनाथ के परिवार की भी कोई अपनी पार्टी नहीं है।"
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#WATCH PM मोदी ने कहा, "हम किस परिवारवाद की चर्चा करते हैं। अगर किसी परिवार में अपने बलबूते पर जनसमर्थन से एक से अधिक लोग अगर राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति करते हैं तो उसको हमने कभी परिवारवाद नहीं कहा। हम उस परिवारवाद की चर्चा करते जो पार्टी परिवार चलाती है। जो पार्टी परिवार के… pic.twitter.com/c0cQGgW0Pe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2024
ये हैं 'परिवारवादी' पार्टियां
एनडीए
- लोक जन शक्ति पार्टी (रामविलास): पासवान परिवार
- आरएलडी: चौधरी चरण सिंह परिवार
- निषाद पार्टी: संजय निषाद परिवार
- अपना दल (एस): सोनीलाल परिवार
- सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी: ओपी राजभर परिवार
- राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (पशुपति पारस): पासवान परिवार
- एनसीपी (अजित पवार): पवार परिवार
- हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा: मांझी परिवार
- जनता दल (सेक्युलर): देवगौड़ा परिवार
- नेशनल पीपुल्स पार्टी: संगमा परिवार
आईएनडीआईए
- टीएमसी: ममता बनर्जी परिवार
- समाजवादी पार्टी: मुलायम सिंह यादव परिवार
- जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस: अब्दुल्ला परिवार
- डीएमके: करुणानिधि परिवार
- जेएमएम: शिबू सोरेन परिवार
- आर जेडी: लालू प्रसाद परिवार
- पीडीपी: मुफ्ती परिवार
- अपना दल (कमेरावाड़ी): सोनीलाल परिवार
- शिवसेना (यूबीटी):ठाकरे परिवार
- NCP का शरद पवार गुट: पवार परिवार
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