बांग्लादेश में प्रेस की स्वतंत्रता पर बढ़ता संकट: महिला पत्रकार को पद छोड़ने की धमकी, नहीं तो ऑफिस जलाने की चेतावनी
बांग्लादेश में मीडिया संस्थानों पर हमलों और धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रमुख अखबारों प्रोथोमआलो और द डेलीस्टार के कार्यालयों में ...और पढ़ें

मशहूर पत्रकार नाजनीन मुन्नी को पद से हटाने की मांग को लेकर कुछ युवकों ने चैनल प्रबंधन को चेतावनी दी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में मीडिया संस्थानों पर हमलों और धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। प्रमुख अखबारों प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाओं के मात्र कुछ दिनों बाद अब निजी टीवी चैनल ग्लोबल टीवी बांग्लादेश को गंभीर धमकी मिली है।
चैनल की हेड ऑफ न्यूज, मशहूर पत्रकार नाजनीन मुन्नी को पद से हटाने की मांग को लेकर कुछ युवकों ने चैनल प्रबंधन को चेतावनी दी कि अगर मांग पूरी नहीं हुई तो ऑफिस को भी प्रोथोम आलो और द डेली स्टार की तरह जला दिया जाएगा।
यह घटना 21 दिसंबर को हुई, जब 7-8 युवकों का एक समूह खुद को भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन (एंटी-डिस्क्रिमिनेशन स्टूडेंट मूवमेंट) की शहर इकाई का सदस्य बताकर तेजगांव स्थित ग्लोबल टीवी के कार्यालय पहुंचा।
उन्होंने मुन्नी पर अवामी लीग से जुड़े होने का आरोप लगाया और चैनल के प्रबंध निदेशक से 48 घंटे के अंदर उन्हें बर्खास्त करने की लिखित प्रतिबद्धता मांगी। प्रबंध निदेशक के इनकार करने पर युवकों ने कथित तौर पर कहा, "जो हम चाहते हैं वही होगा।
प्रोथोम आलो और द डेली स्टार भी कुछ नहीं कर पाए, आप उनके सामने कुछ भी नहीं हैं। नाजनीन मुन्नी, जो उस समय कार्यालय में मौजूद नहीं थीं, ने फेसबुक पोस्ट के जरिए इस घटना का खुलासा किया।
उन्होंने लिखा, "भेदभाव विरोधी छात्र आंदोलन की शहर इकाई के नाम पर 7-8 लोग मेरे ऑफिस आए और धमकी दी कि अगर मैं नौकरी नहीं छोड़ती तो ऑफिस को प्रोथोम आलो और द डेली स्टार की तरह आग लगा देंगे।"
मुन्नी ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनके अवामी लीग से कोई संबंध साबित नहीं किया जा सका। उन्होंने यह भी बताया कि धमकी के बाद चैनल प्रबंधन ने उन्हें कुछ दिनों तक चुप रहने और ऑफिस न आने की सलाह दी, लेकिन वे चुप नहीं रहेंगी क्योंकि ऐसी धमकियां अस्वीकार्य हैं।
युवकों ने पहले शरीफ उस्मान हादी की मौत की कवरेज पर भी आपत्ति जताई। 32 वर्षीय हादी, जो भारत-विरोधी रुख के लिए जाने जाते थे और 2024 के छात्र आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई थी, की 18 दिसंबर को गोली लगने से मौत हो गई थी। उनकी मौत के बाद देशभर में अशांति फैली, जिसके दौरान 18 दिसंबर की रात प्रोथोम आलो और द डेली स्टार के कार्यालयों पर हमला हुआ।

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