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    'जब तक चुनाव घोषित नहीं होते, नया निवेश नहीं मिलेगा', बांग्लादेश के जातीय पार्टी के नेता ने कर दी बड़ी अपील

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 06 Mar 2025 11:30 PM (IST)

    बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की सहयोगी रही जातीय पार्टी ने देश में समान अवसर के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील की है। जातीय पार्टी के वरिष्ठ सदस्य मावला ने एक इंटरव्यू में कहा जब तक चुनाव घोषित नहीं होते बांग्लादेश में कोई नया निवेश नहीं आएगा। देश में अपराधों की दर बढ़ रही है।

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    जातीय पार्टी नेता मसरूर मावला (फोटो- एएनआई)

     एएनआइ, ढाका। बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग की सहयोगी रही जातीय पार्टी ने देश में समान अवसर के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील की है। पार्टी के नेता मसरूर मावला ने कहा कि जब तक चुनाव घोषित नहीं होते, तब तक देश में कोई निवेश नहीं आएगा।

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    मसरूर मावला ने कही ये बात

    जातीय पार्टी के वरिष्ठ सदस्य मावला ने एक इंटरव्यू में कहा, 'जब तक चुनाव घोषित नहीं होते, बांग्लादेश में कोई नया निवेश नहीं आएगा।' दिवंगत राष्ट्रपति हुसैन मुहम्मद इरशाद द्वारा स्थापित जातीय पार्टी अवामी लीग नीत गठबंधन का हिस्सा थी। वह पिछले तीन आम चुनावों में भाग ले चुकी है।

    उन्होंने कहा, 'हमने देखा है कि पिछले छह-सात महीने से अंतरिम सरकार देश चला रही है। अब तक हमने अपराधों की बढ़ती दर को छोड़कर कोई विकास नहीं देखा है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह खराब हो गई है, क्योंकि इस समय बांग्लादेश में कोई नया निवेशक नहीं आ रहा है।'

    लाखों छात्र किताबों से वंचित

    बांग्लोदश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार देश में लाखों छात्रों को किताबें वितरित करने में फिर नाकाम हुई है। किताबों से वंचित छात्र अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं। जनवरी में पुस्तक वितरण की समय सीमा चूकने के बाद सरकार ने कहा था कि रा‌र्ष्टीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक बोर्ड फरवरी तक सभी 40 करोड़ पुस्तकों का वितरण कर लेगा। स्थानीय मीडिया के अनुसार, इस समय सीमा तक भी यह काम नहीं हो पाया है।

    शेख हसीना की वापसी के लिए लगाया एड़ी-चोटी का जोर, भारत ने नहीं दिया भाव

    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस का कहना है कि ढाका ने भारत को औपचारिक रूप से पत्र भेजकर अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश प्रत्यर्पित करने के लिए भारत की तरफ से कोई आधिकारिक जवाब नहीं भेजा गया है। बांग्लादेश ने भारत के साथ सकारात्मक कामकाजी रिश्ते स्थापित करने की अपनी तैयारी बताई है।

    इस बीच, बांग्लादेश में विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन को उम्मीद है कि भारतीय उच्चायोग जल्द ही वीजा जारी करने की प्रक्रिया बहाल करेगा। यूके की स्काईन्यूज के अनुसार बांग्लादेश सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने बताया कि 77 वर्षीय शेख हसीना को मानवता के खिलाफ अपराध के मामलों में अदालत में सुनवाई का सामना करना पड़ेगा।

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