'हत्या, तोड़फोड़ व झंडा फहराने का काम', ताइवान पर हमले से पहले चीन भर्ती कर रहा जासूस; रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
ताइवान को धमकाने के अलावा चीन अब जासूसों की भर्ती करने में जुटा है। तीन साल में ताइवान में चीनी जासूसों की संख्या चार गुना हो गई है। ताइवान की सेना संगठनों और सैन्य प्रतिष्ठानों को चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपना निशाना बना रही है। ताइवान का कहना है कि काउंटर इंटेलीजेंस की वजह से चीनी जासूसों को पकड़ने में सफलता मिली है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन लगातार ताइवान में अपना जासूसी नेटवर्क बनाने में जुटा है। हमले की स्थिति पर ताइवान के अंदर क्या-क्या करना है? इसकी तैयारी भी चीन ने कर ली है। चीन जासूसी एजेंट के माध्यम से ताइवान में तोड़फोड़, हत्या और चीनी झंडा फहराने वाले लोगों की भर्ती करने में जुटा है। इसका खुलासा ताइवान के राष्ट्रीय सुरक्षा ब्यूरो (NSB) की नई रिपोर्ट में हुआ है।
4 गुना बढ़े जासूसी के मामले
चीन की धमकियों के बीच रविवार को एनएसबी ने एक रिपोर्ट जारी की। आंकड़े के मुताबिक ताइवान में चीन के लिए जासूसी करने वालों की संख्या में चार गुना का इजाफा हुआ है। 2021 में चीन के लिए जासूसी करने वाले 16 लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाया गया था। मगर तीन साल बाद 2024 में यह आंकड़ा बढ़कर 64 तक पहुंच गया है।
सैन्यकर्मियों के जरिए जासूसी
एनसीबी के मुताबिक चीनी जासूसी नेटवर्क में ताइवान के 15 सेवानिवृत्त और 28 मौजूदा सैन्यकर्मी शामिल हैं। चीन लगातार इन जासूसों के माध्यम से ताइवान के स्थानीय संगठन, सरकारी एजेंसियों और सैन्य इकाइयों में अपनी पैठ बनाने में जुटा है।
संवेदनशील जानकारी जुटा रही कम्युनिस्ट पार्टी
सीएनएन ने एनएसबी की रिपोर्ट के आधार पर बताया की चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ताइवान में वहां के नागरिकों को अपने साथ मिलाकर नेटवर्क विकसित करने में जुटी है। ताकि संवेदनशील सरकारी जानकारी को जुटाया जा सके। ताइवान के आसपास चीन कई बड़े सैन्य अभ्यास भी कर रहा है। इसके माध्यम से ताइवान पर दबाव बनाने की कोशिश है।
ताइवान के खिलाफ चीन की क्या-क्या तैयारी?
रिपोर्ट के मुताबिक कुछ जासूसों को चीन के हमले के वक्त ताइवान में तोड़फोड़ करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। कुछ को चीन का झंडा फहराने तो कुछ को हत्या की खातिर स्नाइपर टीम बनाने और खुफिया जानकारी जुटाने को कहा गया।
चीन एजेंट आपराधिक संगठनों और स्थानीय मंदिरों के साथ संपर्क बनाने की कोशिश में जुटे हैं। इसके अलावा सैन्य कर्मियों और चीन से लगाव रखने वाले समूहों की भर्ती के लिए भूमिगत बैंक स्थापित करने की भी कोशिश की। ताइवान का कहना है कि बेहतरीन काउंटर-इंटेलीजेंस की वजह से इन जासूसों के बारे में जानकारी मिली है।
चीन करता है ताइवान पर अपना दावा
चीन लंबे समय से ताइवान पर अपना दावा ठोंकता है। नए साल के मौके पर भी चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग ने ताइवान पर कब्जे की खसम खाई है। ताइवान के खिलाफ चीन सैन्य इस्तेमाल की बात भी कह चुका है। हालांकि ताइवान की सरकार चीन के दावों को खारिज करती है। उसका कहना है कि देश का भविष्य 2.35 करोड़ निवासी तय करेंगे।
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