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    तारिक रहमान की वतन वापसी के क्या है मायने, भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर कितना पड़ेगा असर?

    Updated: Fri, 26 Dec 2025 06:43 PM (IST)

    तारिक रहमान की वतन वापसी बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना है। इसका भारत-बांग्लादेश के संबंधों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। राजनीतिक विश्लेष ...और पढ़ें

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    तारिक रहमान की वतन वापसी के क्या है मायने? (फोटो - रायटर्स )

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान समर्थक जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश से जुड़े एक वकील ने तारिक रहमान को जान से मारने की धमकी दी है। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता के 17 साल के बाद देश में लौटने के कुछ ही घंटों बाद यह धमकी दी गई। इस धमकी में भारत का भी जिक्र किया गया।

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    जमात-ए-इस्लामी से जुड़े वकील शहरयार कबीर ने आरोप लगाया कि तारिक रहमान बांग्लादेश लौटकर 'अपने पिता को धोखा दे रहे हैं' और 'भारत की शर्तें मान रहे हैं।' इन टिप्पणियों को भारत के खिलाफ सीधी उकसावे वाली कार्रवाई के तौर पर देखा जा रहा है। यह घटना पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के बेटे रहमान के ढाका पहुंचने के ठीक एक दिन बाद हुई है।

    तारिक रहमान का बांग्लादेश को लेकर विजन

    तारिक रहमान ने अपने पहले भाषण में कहा, 'जैसे इस देश में पहाड़ों के लोग हैं, वैसे ही मैदानों के लोग भी हैं। इस देश में मुसलमान, बौद्ध, ईसाई, हिंदू और अलग-अलग धर्मों के लोग रहते हैं।

    हम सब मिलकर एक ऐसा बांग्लादेश बनाना चाहते हैं, जिसका हमने सपना देखा है, जिसका एक मां सपना देखती है। यानी, हम एक सुरक्षित बांग्लादेश बनाना चाहते हैं।'

    NCP में बगावत क्यों?

    NCP के अंदर, जहां कुछ लोग जमात के साथ गठबंधन चाहते हैं, वहीं कुछ लोग इसके खिलाफ भी हैं। सीट-शेयरिंग की बातचीत आगे बढ़ने पर NCP के एक जाने-माने नेता मीर अरशदुल हक ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।

    बांग्लादेश में अंतरिम सरकार द्वारा लगाए गए बैन की वजह से अवामी लीग के मैदान से बाहर होने के बाद, बांग्लादेश में 12 फरवरी का चुनाव दो गुटों के बीच लड़ा जाएगा। जमात तय समय पर होने वाले चुनाव को टालना चाहती है।

    जैसे-जैसे जमात और NCP गठबंधन पक्का कर रहे हैं, इस चुनाव में मुख्य मुकाबला जमात और BNP के बीच होने की संभावना है। यही वजह है कि जमात ने अब तारिक रहमान को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, क्योंकि वह जल्द से जल्द चुनाव कराने पर जोर दे रहे हैं।

    भारत के साथ संबंधों पर क्या पड़ेगा असर?

    तारिक रहमान के रूप में, भारत को एक ऐसे नेता से निपटना होगा जो बांग्लादेश को पहले रखता है। लेकिन वह ऐसा व्यक्ति भी है जिसे भारत-बांग्लादेश के ऐतिहासिक संबंधों की परवाह नहीं है।

    दूसरी ओर, जमात सिर्फ भारत विरोधी है और उसे सुरक्षा, कल्याण, शिक्षा, गरीबी उन्मूलन और अन्य मुद्दों की परवाह नहीं है जिनके बारे में तारिक रहमान ने बांग्लादेश के लिए अपने विजन में बात की है।

    इस्लामी सिद्धांतों और आस्था में पक्का विश्वास रखने वाले रहमान बांग्लादेश को एक ऐसे देश के रूप में देखते हैं जहाँ सभी धर्मों के लोगों के लिए जगह और सुरक्षा हो, न कि देश को धार्मिक कट्टरपंथ के रास्ते पर ले जाया जाए।