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    July-Aug 2022: श्रीलंकन एयरलाइंस सिर्फ ईंधन भरने के लिए चेन्नई भेजती थी खाली विमान, भयावह थे हालात

    Sri Lanka News पिछले साल जुलाई और अगस्त के महीने में श्रीलंकन एयरलाइन बिना यात्रियों के चेन्नई के लिए एक A330 भेजती थी और बस वहां से ईंधन भरकर कोलंबो लौट जाती थी। नियमों के अनुसार इसे केवल अन्य विमानों के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

    By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 31 Jan 2023 01:01 PM (IST)
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    SriLankan Airlines used to fly big aircraft to Chennai

    कोलंबो, एजेंसी। SriLankan Airlines Fuel Problem: श्रीलंकन एयरलाइंस नियमित रूप से भारत में ईंधन भराने के लिए कोलंबो से चेन्नई (Chennai) तक यात्रियों के बिना एक बड़ा एयरबस A330 लेकर आती थी। फिर उस ईंधन का इस्तेमाल पास के गंतव्यों पर जाने वाले अपने अन्य विमानों को भरने के लिए करती थी। पिछले साल जुलाई और अगस्त में वाणिज्यिक उड़ानों के लिए विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) पूरी तरह से समाप्त हो गया था।

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    चेन्नई तक क्रू का एक सेट जाता था

    श्रीलंकन एयरलाइंस के सीईओ रिचर्ड न्यूटॉल ने सोमवार को बताया, ''लंदन, पेरिस, टोक्यो, मेलबर्न और सिडनी के लिए हमारी लंबी उड़ानों को संचालित करने वाला चालक दल का एक सेट चेन्नई में उतरता था। चेन्नई में तैनात चालक दल का एक और सेट दूर के गंतव्यों के लिए आगे की उड़ानें संचालित करता था।'' जुलाई और अगस्त 2022 में ये उड़ानें भारत में ईंधन भरने और चालक दल में बदलाव के लिए उसी तकनीकी स्टाफ को वापस कोलंबो ले जाती थीं।

    खाड़ी जैसे पास के देशों में जाती थी फ्लाइट

    उन दो महीनों के दौरान एयरलाइन बिना यात्रियों के चेन्नई के लिए एक A330 भेजती थी और बस वहां से ईंधन भरकर कोलंबो लौट जाती थी। हम इस उड़ान से ईंधन लेते थे और नियमों के अनुसार, इसे केवल अपने अन्य विमानों के लिए इस्तेमाल कर सकते थे। इसका उपयोग खाड़ी जैसे देशों में आसपास के गंतव्यों पर जाने वाले विमानों को टॉपअप करने के लिए किया जाता था।

    ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं देखी- न्यूटॉल

    ब्रिटिश विमानन दिग्गज न्यूटॉल साल 1988 से आठ एयरलाइनों में सेवाएं दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि भारत से लाए गए ईंधन में से हमें अपने पास कुछ ईंधन रखने की जरूरत होती थी। अगर कोई विमान किसी तकनीकी कारण से उड़ान भरने के बाद वापस आ जाता या फिर उड़ान भरने से पहले भी एटीएफ की आवश्यकता होती है। न्यूटॉल ने कहा कि उन्होंने ऐसा कभी नहीं देखा था।

    बसों को चलाने तक के लिए नहीं था डीजल

    न्यूटॉल ने कहा ने कहा श्रीलंका में एटीएफ की कमी पिछले मई में शुरू हुई और जून 2022 तक चली। जुलाई और अगस्त 2022 में, वाणिज्यिक उड़ानों के लिए ईंधन नहीं था। कर्मचारियों को लाने और ले जाने के लिए चलने वाली बसों को चलाने के लिए डीजल भी नहीं था। इसलिए 24 घंटे की शिफ्ट कराई जा रही थी।

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