यून सुक योल बर्खास्त होंगे या मिलेगी बहाली? दक्षिण कोरिया के राष्ट्र्पति के खिलाफ अदालत में आरोप पत्र दाखिल
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल को पद से बर्खास्त किया जाना है या उन्हें बहाल किया जाना है इस पर अब फैसला अदालत में हाथ में है। रविवार को अदालत में योल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए। मार्शल लॉ लागू करने के आदेश देने के लिए यून पर महाभियोग लगाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
एपी, सियोल। दक्षिण कोरिया के अभियोजकों ने महाभियोग का सामना करने वाले राष्ट्रपति यून सुक योल के खिलाफ रविवार को आरोप पत्र दायर किया। योनहाप समाचार एजेंसी की खबर के अनुसार सियोल मध्य जिला अभियोजन कार्यालय ने यून पर तीन दिसंबर को दिए आदेश के संबंध में विद्रोह का आरोप लगाया है।
इस आदेश के कारण देश में राजनीतिक उथल-पुथल मच गई थी। इस बारे में अभियोजकों की ओर से अबतक कोई जानकारी नहीं दी गई है। मार्शल लॉ लागू करने के आदेश देने के लिए यून पर महाभियोग लगाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था।
संवैधानिक अदालत करेगी फैसला
संवैधानिक अदालत इस मामले पर विचार कर रही है कि यून को राष्ट्रपति पद से आधिकारिक रूप से बर्खास्त किया जाए या फिर बहाल किया जाए। कंजरवेटिव नेता यून ने हालांकि खुद पर लगे आरोपों को खारिज किया है।
यून ने सैन्य शासन लागू करने का आदेश जारी करते हुए नेशनल असेंबली को अपराधियों का अड्डा करार दिया था। उन्होंने उत्तर कोरिया के समर्थकों और राष्ट्रविरोधी ताकतों को खत्म करने का संकल्प लिया था।
अभियोजकों के पास पर्याप्त सबूत
अभियोजकों ने रविवार को एक बयान में कहा कि अब तक की जांच के आधार पर राष्ट्रपति के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट में किसी भी बदलाव पर विचार करने का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।
संसदीय सुनवाई के दौरान, यून के कमांडरों ने गवाही दी कि उन्हें अंदर बैठे सांसदों को बाहर निकालने के लिए संसद के दरवाजे तोड़ने के सीधे आदेश मिले थे। हालांकि यून ने इससे इनकार किया है।
मार्शल लॉ घोषित करने के तुरंत बाद, यून ने कथित तौर पर राष्ट्रीय खुफिया सेवा के पहले फर्स्ट डिप्टी डायरेक्टर होंग जांग-वोन से कहा कि उन्हें विपक्षी नेता सहित 14 राजनीतिक और कानूनी हस्तियों को गिरफ्तार करने और सब कुछ साफ करने का मौका गंवाना नहीं चाहिए।
गिरफ्तारी के लिए करनी पड़ी मशक्कत
राष्ट्रपति योल अपनी गिरफ्तारी से पहले अपनी सिक्योरिटी सर्विस टीम से घिरे हुए कई हफ्तों तक अपने किलेदार आवास में छिपे रहे थे। देश के उच्च-रैंकिंग अधिकारियों के लिए भ्रष्टाचार जांच कार्यालय (सीआईओ) ने पहली बार इस महीने की शुरुआत में उन्हें हिरासत में लेने का प्रयास किया था।
हालांकि कई घंटे तक चले प्रदर्शन के बाद यह विफल हो गया था। सीआईओ अपने दूसरे प्रयास में यून को गिरफ्तार करने में सफल रहा। लेकिन यून सीआईओ की किसी भी जांच में सहयोग करने से इनकार कर रहे हैं।
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