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    Martial Law: क्या होता है मार्शल लॉ? दक्षिण कोरिया में पहले लगाया फिर आदेश लिया वापस

    what is Martial Law दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने का एलान किया गया था लेकिन अब दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने बुधवार तड़के आपातकालीन मार्शल लॉ को हटाने की घोषणा कर दी है। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल असेंबली द्वारा मार्शल लॉ को समाप्त करने के लिए वोट करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया।

    By Versha Singh Edited By: Versha Singh Updated: Wed, 04 Dec 2024 08:23 AM (IST)
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    Martial Law: क्या होता है मार्शल लॉ? (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, सियोल। दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ लगाने का एलान किया गया था लेकिन अब दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने बुधवार तड़के आपातकालीन मार्शल लॉ को हटाने की घोषणा कर दी है।

    दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक योल ने कहा है कि विपक्ष उत्तर कोरिया (Martial Law in south korea) के साथ खड़ा है, ऐसे में देश की सुरक्षा सबसे जरूरी हो जाती है। राष्ट्रपति यून सुक योल ने मंगलवार को देश के नाम एक संबोधन दिया और उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उनकी तरफ से कहा गया कि देश का विपक्ष अब उत्तर कोरिया के साथ मिल चुका है और वो उसके प्रति सहानुभूति दिखाने लगा है।

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    क्या होता है मार्शल लॉ? (What is Martial Law)

    मार्शल लॉ किसी भी देश में सरकार द्वारा घोषित एक न्यायिक व्यवस्था होती है। इसमें सैन्य बलों को एक क्षेत्र पर शासन और नियंत्रण करने का अधिकार दिया जाता है। यह जरूरी नहीं होता कि मार्शल लॉ पूरे देश में ही लागू हो। इसे देश के किसी भी छोटे हिस्से में लगाया जा सकता है और इसे ही सैनिक कानून कहा जाता है।

    क्यों हटाना पड़ा मार्शल लॉ?

    योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल असेंबली द्वारा मार्शल लॉ को समाप्त करने के लिए वोट करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। यून की कैबिनेट ने मार्शल लॉ प्रवर्तन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लगभग छह घंटे बाद यून ने मंगलवार को मार्शल लॉ का आदेश वापस ले लिया।

    आपातकालीन घोषणा ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दीं थीं, लोग सड़कों पर उतर आए थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

    बता दें कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मंगलवार रात को देश में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की थी, जिसने पूरे देश को चौंका दिया था और इसके बाद सैनिकों ने संसद में घुसने की कोशिश की। हालॉंकि सांसदों और प्रदर्शनकारियों के तुरंत किए गए भारी विरोध के बाद संसद के स्पीकर ने इसे अमान्य करार दिया।

    पहले भी किया जा चुका है लागू

    मार्शल लॉ आमतौर पर तब घोषित किया जाता है जब सरकार व्यापक नागरिक अशांति, प्राकृतिक आपदाओं या आक्रमण के खतरों का सामना करती है। दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ को आखिरी बार 1980 में राजनीतिक उथल-पुथल के समय लागू किया गया था। उस समय ग्वांगजू विद्रोह हुआ था, जब सरकार को विरोध का सामना करना पड़ा था। देश के पास एक मजबूत कानूनी ढांचा और सैन्य तत्परता तो है ही, लेकिन मार्शल लॉ को हमेशा लास्ट ऑप्शन माना जाता है।

    दक्षिण कोरिया में फिर से क्यों लगा था मार्शल लॉ? 

    मिली जानकारी के अनुसार, इस साल की शुरुआत में दक्षिण कोरिया में नेशनल असेंबली चुनावों ने विपक्ष को भारी जनादेश दिया था। ऐसे में राष्ट्रपति यून के पास ज्यादा शक्तियां नहीं रही और राष्ट्रपति यून को कानूनों को पारित करने में सफलता नहीं मिली। राष्ट्रपति यून विधेयकों को वीटो करने पर मजबूर हो गए थे।

    इतना ही नहीं, राष्ट्रपति यून और उनकी पत्नी से जुड़े घोटालों की संख्या के कारण रेटिंग में लगातार गिरावट देखी गई है। यून की पत्नी पर स्टॉक में हेरफेर का आरोप भी लगा और विपक्ष की ओर से इसकी जांच की मांग होने लगी।

    AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, मार्शल लॉ लगाने का ऐलान डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ कोरिया के नेतृत्व वाले विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति यून पर सत्ता के कथित दुरुपयोग पर महाभियोग चलाने की मांग के एक महीने बाद किया गया है। विपक्ष का कहना था कि मार्शल लॉ लगा कर राष्ट्रपति महाभियोग से बचना चाहते हैं।

    राष्ट्रपति से हुई थी मार्शल लॉ हटाने की मांग

    सांसदों ने बुधवार आधी रात को ही इस आदेश को रद करने का समर्थन करते हुए मतदान किया था। दक्षिण कोरियाई कानून के अंतर्गत, अगर संसद बहुमत से मांग करती है तो राष्ट्रपति को तुरंत मार्शल लॉ हटाना होगा।

    मार्शल लॉ लगने के बाद क्या होता है प्रतिबंधित?

    • सांसदों को देश के संसद भवन में प्रवेश करने से रोक दिया जाता है।
    • मार्शल लॉ लागू होने के बाद सभी राजनीतिक गतिविधियों पर प्रतिबंध लगा जाता है।
    • मार्शल लॉ लागू होने के बाद राजनीतिक प्रकृति के विरोध प्रदर्शन और सार्वजनिक समारोहों पर भी रोक होती है।
    • मार्शल लॉ लागू होने के तुरंत बाद ही सभी मीडिया और प्रशासन सैन्य नियंत्रण के अधीन होते हैं।
    • मार्शल लॉ के बाद देश में हड़ताल और वॉकआउट पर भी प्रतिबंध होता है।
    • इसके अलावा, यात्रा करने पर भी रोक लग जाती है, जिसमें देश के भीतर आवाजाही को नियंत्रित करने वाली सैन्य चौकियां बनाई जाती हैं।

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