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    South Korea: अपने फैसले से पीछे हटे राष्ट्रपति यूं सुक, दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ का आदेश लिया वापस

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 04 Dec 2024 06:31 AM (IST)

    दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने बुधवार तड़के आपातकालीन मार्शल लॉ को हटाने की घोषणा की। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल असेंबली द्वारा मार्शल लॉ को समाप्त करने के लिए वोट करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। यून की कैबिनेट ने मार्शल लॉ प्रवर्तन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

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    दक्षिण कोरिया की संसद ने रद किया राष्ट्रपति का मार्शल लॉ आदेश (फोटो- रॉयटर)

    रॉयटर, सियोल। दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने बुधवार तड़के आपातकालीन मार्शल लॉ को हटाने की घोषणा की। योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार नेशनल असेंबली द्वारा मार्शल लॉ को समाप्त करने के लिए वोट करने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। यून की कैबिनेट ने मार्शल लॉ प्रवर्तन को समाप्त करने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। लगभग छह घंटे बाद यून ने मंगलवार को मार्शल लॉ का आदेश वापस ले लिया। आपातकालीन घोषणा ने घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दीं थीं, लोग सड़कों पर उतर आए थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।

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    बता दें कि दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने मंगलवार रात को देश में आपातकालीन मार्शल लॉ की घोषणा की, जिसने पूरे देश को चौंका दिया और इसके बाद सैनिकों ने संसद में घुसने की कोशिश की। हालॉंकि सांसदों और प्रदर्शनकारियों के तुरंत किए गए भारी विरोध के बाद संसद के स्पीकर ने इसे अमान्य करार दिया।

    राष्ट्रपति यूं सुक से पद छोड़ने की मांग जोरों पर

    दक्षिण कोरिया की मुख्य विपक्षी पार्टी ने बुधवार को राष्ट्रपति यूं सुक येओल पर मार्शल लॉ लागू करने के प्रयास के बाद विद्रोह का आरोप लगाते हुए पद छोड़ने की मांग की। डेमोक्रेटिक पार्टी के फ्लोर लीडर पार्क चान-डे ने एक बयान में कहा कि भले ही मार्शल लॉ हटा लिया जाए, विद्रोह के आरोपों से बचना असंभव है। उन्होंने कहा कि उन्हें पद छोड़ना होगा।

    राष्ट्रपति से तुरंत मार्शल लॉ हटाने की मांग की थी

    सांसदों ने बुधवार आधी रात को ही इस आदेश को रद करने का समर्थन करते हुए मतदान किया। दक्षिण कोरियाई कानून के अंतर्गत, अगर संसद बहुमत से मांग करती है तो राष्ट्रपति को तुरंत मार्शल लॉ हटाना होगा। वर्ष 1980 में छात्रों और श्रमिक संघों के नेतृत्व में एक राष्ट्रव्यापी विद्रोह के दौरान आखिरी बार किसी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ने मार्शल लॉ की घोषणा की थी।

    राष्ट्रपति के विरोध में उतरे खुद की पार्टी के लोग

    येओल के इस कदम का मकसद उनके राजनीतिक विरोधियों पर लगाम लगाना था, लेकिन इस फैसले का उनकी ही पार्टी के नेता हैन डोंग-हून ने कड़ा विरोध किया। संसद में मार्शल लॉ के खिलॉफ मतदान में हून ने भी हिस्सा लिया और हाल ही हुए विवादों से निपटने के तरीके को लेकर येओल के साथ उनका टकराव भी हुआ।

    इससे पहले टीवी फुटेज में हेलमेट पहने सैनिक मार्शल लॉ लॉगू करने के लिए संसद में घुसते नजर आए, जिनका सांसदों और अधिकारियों ने विरोध करते हुए उन्हें अंदर आने से रोका। इस घोषणा के दौरान मंगलवार रात येओल ने कहा कि विपक्षी दलों ने संसद पर कब्जा कर लिया है।

    संसद के बाहर जुटने लगे लोग

    इसके साथ ही उन्होंने उत्तर कोरिया के समर्थन वाली देश-विरोधी ताकतों को मिटाने की कसम खाते हुए कहा था कि उनके पास संवैधानिक व्यवस्था की सुरक्षा के अलॉवा कोई अन्य उपाय नहीं बचा है। इस घोषणा के बाद लोग संसद के बाहर जुटने लगे और मार्शल लॉ वापस लो के नारे भी लगाए।

    वहीं, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका दक्षिण कोरिया सरकार के लगातार संपर्क में है और हालॉत पर करीब से निगरानी रखे हुए है। बता दें कि उत्तर कोरिया से सुरक्षा देने के लिए दक्षिण कोरिया में करीब 28,500 अमेरिकी सैनिक डेरा डाले हुए हैं।

    राष्ट्रपति यूं सुक योल ने कही ये बात

    जानकारी के अनुसार यून सुक योल दक्षिण कोरिया के औपचारिक नाम का हवाला देते हुए एक टेलीविजन भाषण के दौरान कहा, "इस मार्शल लॉ के ज़रिए, मैं कोरिया के स्वतंत्र गणराज्य का पुनर्निर्माण और सुरक्षा करूंगा, जो राष्ट्रीय बर्बादी की गहराई में गिर रहा है।"

    उन्होंने लोगों से उन पर विश्वास करने और कुछ असुविधाओं को सहन करने के लिए कहते हुए कहा, "मैं जितनी जल्दी हो सके राज्य विरोधी ताकतों को खत्म कर दूंगा और देश को सामान्य बना दूंगा। राष्ट्रपति यून सुक योल की स्वीकृति रेटिंग हाल के महीनों में गिर गई है।"

    साल 2022 में पदभार ग्रहण करने के बाद से विपक्ष द्वारा नियंत्रित संसद के खिलाफ अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि यून की रूढ़िवादी पीपुल्स पावर पार्टी अगले साल के बजट बिल को लेकर उदार विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ गतिरोध में फंस गई थी।