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    सऊदी की सीक्रेट जेल महिलाओं के लिए क्यों है 'नरक'? होता है ऐसा सलूक कि सुनकर कांप जाएगी रूह

    Updated: Mon, 02 Jun 2025 05:16 PM (IST)

    सऊदी अरब में दार अल-रियाया नामक एक सीक्रेट जेल है जिसे महिलाओं का सुधार गृह कहा जाता है। यहाँ महिलाओं को मानसिक और शारीरिक यातनाएं दी जाती हैं जिनमें त्वचा पर कोड़े मारना शामिल है। महिलाओं को परिवार से मिलने की इजाजत नहीं है और उन्हें नजरबंद रखा जाता है। लड़कियों को पिता या पति की बात न मानने और यौन हिंसा का शिकार होने पर यहां भेजा जाता है।

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    सऊदी अरब में महिलाओं की सीक्रेट जेल दार अल-रियाया। फोटो- जागरण

    डिजिटल डेस्क, रियाद। सऊदी अरब, सबसे समृद्ध और प्रभावशाली इस्लामिक देशों में से एक। मक्का-मदीना की वजह से सऊदी को इस्लाम का केंद्र कहा जाता है, तो वहीं तेल के कुएं, राजशाही और बड़ी-बड़ी इमारतें सऊदी की शान हैं। सऊदी तेजी से तरक्की की सीढ़ियां चढ़ रहा है, लेकिन इस चकाचौंध के पीछे एक काला सच भी है, जिससे शायद बेहद कम लोग ही वाकिफ हैं।

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    हम बात कर रहे हैं दार अल-रियाया की। जी हां, सऊदी अरब की वो सीक्रेट जेल, जिसे महिलाओं का 'सुधार गृह' कहा जाता है। हालांकि इस जेल में महिलाओं के साथ जो कुछ भी होता है, उसे सुनकर सभी के होश उड़ जाएंगे। आलम यह है कि कई महिलाएं तंग आकर यहां आत्महत्या तक कर लेती हैं।

    रोज मारे जाते हैं कोड़े

    गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार, दार अल-रियाया में महिलाओं को न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक प्रताड़नाएं भी दी जाती हैं। उनकी कहानी इतनी दर्दनाक होती है कि जिसे बताने में महिलाएं खुद खौफ खाती हैं। इन जेलों में महिलाओं के नंगी त्वचा पर गर्म कोड़े मारे जाते हैं। जेल में उन्हें रोज कोड़े खाने पड़ते हैं। मगर उनकी यातनाएं यहीं खत्म नहीं होती।

    दार अल-रियाया से भागने की कोशिश करती महिला। फोटो- सोशल मीडिया

    क्यों होती है बेरहमी?

    सऊदी अरब में महिलाओं के सुधार गृह के नाम पर 1960 दार अल-रियाया जेल की नींव रखी गई थी। हालांकि जेल की कालकोठरी के पीछे महिलाओं के साथ बर्बरता की सारी हदें पार हो जाती हैं। इन जेलों में महिलाओं पर रोज कोड़े बरसाए जाते हैं। नमाज अदा न करने पर भी उन्हें पीटा जाता है। साथ ही उन्हें जबरदस्ती धर्म से जुड़ी शिक्षा दी जाती है।

    पिता देते हैं धमकी

    दार अल-रियाया में महिलाओं को अपने घर, परिवार, रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने की इजाजत नहीं होती। उन्हें इस जेल में पूरी तरह से नजरबंद रखा जाता है। सऊदी अरब छोड़ चुकीं मरियम अल्दोस्सरी के अनुसार,

    13 साल की उम्र में मरियम के पिता ने उन्हें धमकी दी कि अगर उन्होंने पिता की बात नहीं मानीं तो उन्हें दार अल-रियाया में भेज देंगे।

    महिलाओं को क्यों भेजा जाता है सीक्रेट जेल?

    सऊदी की महिलाओं के मन में स्कूल से ही दार अल-रियाया का डर बैठा दिया जाता है। उनकी एक छोटी सी गलती उन्हें इस नरक में धकेल सकती है। अब सवाल यह है कि दार अल-रियाया जाने वाली महिलाओं का आखिर जर्म क्या रहता है?

    मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर कोई लड़की पिता या पति की बात नहीं मानती, घर के पुरुषों से पूछे बिना बाहर चली जाती है या किसी गैर-मर्द के साथ प्रेम संबंध में पड़ती है, तो उसे दार अल-रियाया में भेज दिया जाता है। यही नहीं अगर कोई महिला यौन हिंसा का शिकार हो जाती है और वो गर्भवती होती है तो परिवार के लोग समाज में शर्मिंदा होने से बचने के लिए पीड़िता को इस सीक्रेट जेल में भेज देते हैं।

    नाम बताने पर मिलती है सजा

    इस जेल में महिलाओं को अपना नाम बताने की इजाजत नहीं होती। उन्हें अपना नाम और पहचान पूरी तरह से गुप्त रखना होता है। नाम के बदले उन्हें जेल में नंबर दिया जाता है और लोग महिलाओं को उसी नंबर से बुलाते हैं। ऐसे में अगर कोई महिला गलती से किसी को अपना असली नाम बता देती है तो सजा के तौर पर उस गर्म कोड़े मारे जाते हैं।

    जेल में होता है वर्जिनिटी टेस्ट

    वहीं अगर किसी महिला का यौन शोषण हुआ है और घर वालों ने इज्जत बचाने के लिए महिला को सीक्रेट जेल में भेज दिया, तो मेडिकल जांच के नाम पर जेल में महिला का वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है। ऐसे में महिला को नींद की गोलियां खिलाईं जाती हैं, जिससे वो वर्जिनिटी टेस्ट का विरोध न कर सके।

    कैसे होती है जेल से रिहाई?

    सऊदी की इस सीक्रेट जेल से बाहर आना महिलाओं के लिए आसान नहीं होता। इस जेल से निकलने के सिर्फ 2 ही रास्ते हैं। पहला अगर महिला के परिवार का कोई पुरुष इसकी इजाजत दे तो महिला को रिहा किया जा सकता है, दूसरा महिला को किसी पुरुष से शादी करनी होगी। कुल मिलाकर अगर कोई पुरुष महिला को लेने आए तभी उसे जेल से छोड़ा जाएगा, वरना उसे पूरी जिंदगी इसी कालकोठरी में बितानी पड़ती है।

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