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    एस जयशंकर ने बताया अपनी फिटनेस का राज, पसंदीदा खेल का भी किया जिक्र

    Updated: Mon, 04 Nov 2024 08:17 AM (IST)

    विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि मैं सभी को फिट रहने की सलाह देता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कैसे फिट रहते हैं। मैं योग और खेल के लिए हर रोज एक घंटा निकालता हूं क्योंकि खुद को फिट रखने के लिए प्रतिस्पर्धा वाले स्पोर्ट्स खेलने से बेहतर कुछ नहीं है। मैं स्क्वैश खेलता हूं। विदेश मंत्री पांच दिवसीय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं।

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    विदेश मंत्री एस जयशंकर पांच दिवसीय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं।(फोटो सोर्स: एस जयशंकर एक्स हैंडल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने लोगों से हेल्थ और लाइफस्टाइल के कुछ टिप्स शेयर किए। विदेश मंत्री पांच दिवसीय ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं।

    रविवार को उन्होंने ब्रिस्बेन में एक कार्यक्रम में शिरकत की। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने उनसे कुछ सवाल भी पूछे। कुछ सवालों में एक सवाल ये भी था कि विदेश मंत्री खुद को फिट रखने के लिए क्या करते हैं।

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    कैसी है विदेश मंत्री की लाइफस्टाइल?

    इस सवाल का जवाब देते हुए जयशंकर ने मुस्कराते हुए कहा,"मैं बस यही सोच रहा था कि एक अच्छे लाइफस्टाइल के लिए शायद कोई ऐसा फॉर्मूला हो जिस पर आप और मैं काम कर सकें। किस तरह अपने दिल का ख्याल रखें। लेकिन ईमानदारी से मैं कहूं तो मैं कुछ भी स्पेशल नहीं करता। मैं  रेगुलर एक सामान्य व्यक्ति की तरह  अपना जीवन जीता हूं।"

    कौन सा खेल खेलते हैं एस जयशंकर?

    मैं सभी को फिट रहने की सलाह देता हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप कैसे फिट रहते हैं। मैं योग और खेल के लिए हर रोज एक घंटा निकालता हूं क्योंकि खुद को फिट रखने के लिए प्रतिस्पर्धा वाले स्पोर्ट्स खेलने से बेहतर कुछ नहीं है। मैं स्क्वैश खेलता हूं।

    विदेश मंत्री ने कहा कि यह जरूरी है कि आप फिट रहे क्योंकि अंत में दिल और दिमाग को बेहतर रखना बेहद जरूरी है। हां, मेंटल हेल्थ को भी आप नजरअंदाज नहीं कर सकते।

    भारत-चीन के रिश्ते पर क्या बोले विदेश मंत्री?

    विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा,"भारत और चीन के संबंध हाल के वर्षों में बहुत ज्यादा खराब स्थिति में पहुंच गए थे, लेकिन अब उनमें थोड़ा सुधार आया है। यह सुधार पूर्वी लद्दाख में सेनाओं के पीछे हटने से आया है।"

    उन्होंने कहा कि साल 2020 में चीन ने वहां पर बहुत बड़ी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए, जवाब में भारत ने भी वैसा ही किया। इसका नतीजा यह हुआ कि सेनाएं आमने-सामने आ गईं और क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन गई। इससे दोनों देशों के संबंध प्रभावित हुए। इसलिए दोनों देशों की सेनाओं का पीछे हटना स्वागतयोग्य है और इससे तनाव कम हुआ है। विदित हो कि 21 अक्टूबर को देपसांग और डेमचोक से सेनाओं के पीछे हटने का समझौता होने की घोषणा हुई थी।

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