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    कई देशों को परमाणु हथियारों की आपूर्ति करेगा रूस, पूर्व राष्ट्रपति ने कहा- 'ईरान पर हमला कर अमेरिका ने शुरू किया नया युद्ध'

    US Vs Iran: रूस के पूर्व राष्ट्रपति एवं रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दमित्री मेदवेदेव ने रविवार को 'एक्स' पर पोस्ट में कहा कि अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को जरा भी नुकसान नहीं हुआ है। मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि शांति स्थापित करने वाले राष्ट्रपति के रूप में आए ट्रंप इस तरह की सफलता से नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत पाएंगे। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेश्कोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ट्रंप से बात करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। 

    By Abhinav Tripathi Edited By: Abhinav Tripathi Updated: Sun, 22 Jun 2025 11:24 PM (IST)
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    रूस के राष्ट्रपति पुतिन एवं अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप। (फाइल फोटो)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। Israel Iran Conflict: रूस के पूर्व राष्ट्रपति एवं रूसी सुरक्षा परिषद के उपाध्यक्ष दमित्री मेदवेदेव ने रविवार को 'एक्स' पर पोस्ट में कहा कि अमेरिकी हमले में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को जरा भी नुकसान नहीं हुआ है और यह जारी रहेगा।

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    उन्होंने किसी देश का नाम लिए बिना कहा कि कई देश ईरान को सीधे अपने परमाणु हथियारों की आपूर्ति करने के लिए भी तैयार हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह हमला करके अमेरिका के लिए नया युद्ध शुरू कर दिया है।

    रूस का दावा, ट्रंप नहीं जीत पाएंगे नोबल शांति पुरस्कार

    समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार, मेदवेदेव ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि शांति स्थापित करने वाले राष्ट्रपति के रूप में आए ट्रंप इस तरह की सफलता से नोबेल शांति पुरस्कार नहीं जीत पाएंगे। ईरान में तीन स्थलों पर हमला करके आखिर अमेरिकियों ने क्या हासिल किया? ऐसा लगता है कि परमाणु संवर्धन के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को बिल्कुल भी या थोड़ा भी नुकसान नहीं हुआ है।

    मेदवेदेव ने कहा कि ईरान अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखेगा और अमेरिका के जमीनी कार्रवाई में शामिल होने का खतरा है। साथ ही कहा कि ईरान की राजनीतिक व्यवस्था सुरक्षित है और बहुत संभावना है कि यह और मजबूत हो गई है। लोग आध्यात्मिक नेतृत्व के इर्द-गिर्द एकजुट हो रहे हैं, यहां तक कि वे लोग भी जो उसके साथ सहानुभूति नहीं रखते थे।

    ईरान के विदेश मंत्री जा सकते हैं रूस

    इस बीच, ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची सोमवार को रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने के लिए मास्को जाने की योजना बना रहे हैं। अरागची ने इस्तांबुल में ईरान-रूस के बीच रणनीतिक साझेदारी पर जोर दिया और कहा कि हम हमेशा एक-दूसरे से परामर्श करते हैं और अपनी स्थिति पर समन्वय करते हैं।

    रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी हमलों की कड़ी निंदा की और तनाव कम करने के लिए राजनीतिक व कूटनीतिक प्रयास बढ़ाने का आह्वान किया। उसने कहा कि अमेरिका ने परमाणु हथियार अप्रसार संधि और आइएईए की व्यवस्था को कमजोर किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करनी चाहिए। यह पहले से स्पष्ट है कि तनाव में खतरनाक वृद्धि शुरू हो गई है, जो क्षेत्रीय व वैश्विक सुरक्षा को और कमजोर करेगी। पश्चिम एशिया में संघर्ष फैलने का जोखिम काफी बढ़ गया है।

    अमेरिकी हमले को रूस ने बताया गैर जिम्मेदाराना

    बयान में कहा गया है कि किसी संप्रभु देश के भूभाग पर मिसाइल और बम हमले करने का गैर-जिम्मेदाराना निर्णय, चाहे इसके लिए कोई भी तर्क दिया जाए, अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का घोर उल्लंघन है। क्रेमलिन के प्रवक्ता दमित्री पेश्कोव ने बताया कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ट्रंप से बात करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है। जरूरत पड़ने पर तत्काल बात की जा सकती है। पुतिन ने कहा कि इजरायल ने मॉस्को को आश्वासन दिया था कि ईरान में बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में दो और रिएक्टर बनाने में मदद करने वाले रूसी विशेषज्ञों को हवाई हमलों में कोई नुकसान नहीं होगा।

    रूस के नेता ने हमले को बताया अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन

    रूस की लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपीआर) के नेता लियोनिद स्लटस्की ने कहा, ''हमलों के लिए अमेरिका के पास कोई सैन्य कारण नहीं था और इसे अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उचित नहीं ठहराया जा सकता''। स्टेट ड्यूमा की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रमुख स्लटस्की ने टेलीग्राम पर लिखा, ''तनाव में वृद्धि से संघर्ष के क्षेत्र से बाहर जाने का खतरा है। अमेरिका ईरान के जवाब की अनिवार्यता को समझता है। यह सब टकराव के चक्र को नए स्तर पर ले जाएगा और तीसरे विश्व युद्ध के जोखिम को बढ़ाएगा।''

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