रूस का बड़ा एलान, मिसाइलों की तैनाती पर लिया नया फैसला, यूक्रेन को लेकर बदल रही रणनीति
रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि रूस मध्यम और कम दूरी की परमाणु-सक्षम मिसाइलों की तैनाती पर लगी अपनी एकतरफा रोक को हटाएगा। आपको जानना चाहिए कि रूस और अमेरिका के संबंध शीत युद्ध के बाद से सबसे खराब स्थिति में हैं। आगे रूसी विदेश मंत्री ने कहा अमेरिका ने दुनिया भर में ऐसे हथियार तैनात किए हैं।

रॉयटर, मॉस्को। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को कहा कि रूस मध्यम और कम दूरी की परमाणु-सक्षम मिसाइलों की तैनाती पर लगी अपनी एकतरफा रोक हटा लेगा, क्योंकि अमेरिका ने दुनिया भर के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे हथियार तैनात किए हैं। लंबे समय से संकेत दिए जा रहे थे कि रूस का यह कदम शीत युद्ध की सबसे महत्वपूर्ण हथियार नियंत्रण संधियों में से एक को खत्म कर देगा।
रूस और अमेरिका के संबंध सबसे खराब स्थिति में
रूस और अमेरिका के संबंध शीत युद्ध के बाद से सबसे खराब स्थिति में हैं। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस फरवरी 2026 में अपनी समाप्ति से पहले नई स्टार्ट संधि से हट सकता है, लावरोव ने कहा कि वॉशिंगटन के साथ रणनीतिक बातचीत के लिए वर्तमान में कोई शर्तें नहीं थीं। स्पष्ट है कि छोटी और मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती पर हमारी रोक अब व्यावहारिक रूप से व्यवहार्य नहीं है और इसे छोड़ना होगा।
चेतावनी को अमेरिका ने किया नजरअंदाज
उन्होंने कहा कि अमेरिका ने रूस और चीन की चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया है और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में इस वर्ग के हथियारों की तैनाती की ओर बढ़ गया है। 1987 में मिखाइल गोर्बाचेव और रोनाल्ड रीगन द्वारा हस्ताक्षरित इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज (आईएनएफ) संधि ने पहली बार महाशक्तियों को अपने परमाणु शस्त्रागार को कम करने और परमाणु हथियारों की एक पूरी श्रेणी को खत्म करने पर सहमति व्यक्त की थी।
ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका औपचारिक रूप से 2019 में यह कहने के बाद आईएनएफ संधि से हट गया था कि मास्को समझौते का उल्लंघन कर रहा है। हालांकि, क्रेमलिन ने आरोप का बार-बार खंडन किया। रूस ने आईएनएफ संधि द्वारा पहले से प्रतिबंधित मिसाइलों के विकास पर रोक लगा दिया था। इनमें 500 से 5,500 किमी सीमा वाली जमीन आधारित बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलें शामिल थीं।
इजरायली सेना ने गाजा में दिए ये आदेश
उधर, उत्तरी गाजा में सप्ताह भर से जारी इजरायली सेना के अभियान के बीच बेइत हनौन में बचे सभी निवासियों को रविवार को शहर छोड़ने का आदेश दिया गया है। यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि इससे कितने लोग प्रभावित हुए हैं। इजरायल का कहना है कि उत्तरी गाजा में उसके अभियान का उद्देश्य हमास आतंकियों को निशाना बनाना और उन्हें फिर से संगठित होने से रोकना है।
सेना का कहना है कि नागरिकों को घर खाली करने का आदेश उन्हें किसी भी नुकसान से बचाने के लिए दिया गया है। फलस्तीनी और संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों का कहना है कि गाजा में कोई भी जगह सुरक्षित नहीं है और इस तरह के आदेश से लोगों की स्थिति खराब हो गई है।
बेइत हनौन, जबालिया और बेइत लाहिया के उत्तरी शहरों के आसपास के क्षेत्र से अधिकांश लोग पलायन कर चुके हैं और उन्हें नष्ट कर दिया गया है। अटकलें लगाई जा रही हैं कि इजरायल गाजा में लड़ाई समाप्त होने के बाद इस क्षेत्र को एक बफर जोन के रूप बनाने का इरादा रखता है। वहीं, एपी के अनुसार उत्तरी वेस्ट बैंक के जेनिन में एक फलस्तीनी महिला की उसके घर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। 22 वर्षीय पत्रकारिता छात्रा शाथा अल-सब्बाग के परिवार का आरोप है कि शनिवार देर रात फलस्तीनी सुरक्षा बलों के एक स्नाइपर ने उसे मार डाला जब वह अपनी मां और दो छोटे बच्चों के साथ थी। उन्होंने कहा कि उस समय इलाके में कोई आतंकवादी नहीं था।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।