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    World Economic Forum: 2023 में वैश्विक मंदी का खतरा, विश्व आर्थिक मंच की सर्वे रिपोर्ट में जताई गई आशंका

    विश्व आर्थिक मंच की सर्वे रिपोर्ट का निष्कर्ष- महंगाई कर्ज और मौसमी बदलाव बड़े कारण- सबसे ज्यादा असर यूरोप पर होने की आशंका- यूक्रेन युद्ध के कारण वहां महंगा हो गया ईंधन- शिक्षा व चिकित्सा सुविधाओं पर होगा बड़ा असर

    By AgencyEdited By: Shashank MishraUpdated: Mon, 16 Jan 2023 09:57 PM (IST)
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    आर्थिक मंच की बैठक में विश्व के सभी प्रमुख देशों के नेता, उद्योगपति, कारोबारी और अर्थशास्त्री भाग लेंगे।

    दावोस, रायटर। बेहतर भविष्य की भारतीय संभावनाओं के बीच 2023 में वैश्विक मंदी की आशंका उभरी है। विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की सर्वे रिपोर्ट में यह आशंका जाहिर की गई है। यह रिपोर्ट निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के दिग्गज अर्थशास्ति्रयों ने तैयार की है। इसे डब्ल्यूईएफ की वार्षिक बैठक के सिलसिले में एकत्रित लोगों के बीच सोमवार को सार्वजनिक किया गया। स्विट्जरलैंड के दावोस शहर में हो रही आर्थिक मंच की बैठक में विश्व के सभी प्रमुख देशों के नेता, उद्योगपति, कारोबारी और अर्थशास्त्री भाग लेंगे।

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    बढ़ रहा कर्ज और पर्यावरणीय बदलावों से निवेश का लाभ हुआ कम

    आर्थिक मंच की प्रबंध निदेशक सादिया जाहिदी ने सर्वे के परिणामों पर जारी बयान में कहा- बढ़ती महंगाई, धीमी पड़ती वृद्धि, बढ़ रहा कर्ज और पर्यावरणीय बदलावों से निवेश का लाभ कम हुआ है। इससे तरक्की की रफ्तार बाधित हो रही है और रहन-सहन का खर्च बढ़ रहा है। वर्तमान समय में विश्व का बड़ा हिस्सा इन वास्तविकताओं की चपेट में है। इन्हीं के कारण 2023 में दुनिया पर मंदी का खतरा गहरा रहा है। यह सर्वे रिपोर्ट तब आई है जब पिछले सप्ताह ही विश्व बैंक ने कई देशों की आर्थिक वृद्धि की संभावित दर घटाई है। कई देशों की कम हुई वृद्धि दर से ही आने वाले समय में मंदी की आशंका पैदा हुई है।

    यूक्रेन युद्ध के दुष्परिणामों से मंदी की आशंका में हुई बढ़ोतरी

    यूक्रेन युद्ध के दुष्परिणामों से मंदी की आशंका बढ़ी है और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले देश उसकी चपेट में आए हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति भी आर्थिक गतिविधियों पर बड़ा असर डाल सकती है। मंदी की स्थिति का असर वैसे तो पूरी दुनिया पर पड़ेगा लेकिन कमजोर और सिकुड़ती अर्थव्यवस्था वाले देश इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे। डब्ल्यूईएफ के सर्वे में 2023 में महंगाई बढ़ने की आशंका जताई गई है।

    दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों में महंगाई का स्तर भिन्न-भिन्न होगा। जैसे की चीन में महंगाई की दर पांच प्रतिशत रह सकती है जबकि यूरोपीय देशों में 57 प्रतिशत तक। यूरोपीय देशों में ईंधन मूल्य महंगाई बढ़ने के सबसे बड़े कारण होंगे। मंदी का शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं पर गंभीरता से प्रभाव पड़ेगा। ये महंगी और मुश्किल हो जाएंगी।

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