'सत्ता सच से ऊपर' वाले बयान पर राहुल गांधी का हमला, बर्लिन में RSS प्रमुख को घेरा
राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के 'सत्ता सच से ऊपर' वाले बयान की आलोचना की। बर्लिन में 'कनेक्टिंग कल्चर्स' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि आरएस ...और पढ़ें

बर्लिन में RSS प्रमुख को घेरा (फाइल फोटो)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के हालिया बयान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि आरएसएस का वैचारिक नेतृत्व खुले तौर पर कह रहा है कि सच का कोई महत्व नहीं, सत्ता ही सबसे अहम है।
उन्होंने इसे कांग्रेस और भारत की सांस्कृतिक परंपरा से बिल्कुल विपरीत बताते हुए कहा कि हमारी पूरी संस्कृति सत्य पर आधारित है और कांग्रेस सत्य की रक्षा करती है।गौरतलब है कि पिछले दिनों अंडमान और निकोबार में विराट हिंदू सम्मेलन समिति के एक कार्यक्रम में भागवत ने कहा था कि वर्तमान समय में वैश्विक मान्यता केवल सत्य से नहीं, बल्कि शक्ति से निर्धारित होती है। विश्व सत्य को नहीं, शक्ति को देखता है।
जिसके पास शक्ति है, उसे मानता है। जर्मनी की पांच दिवसीय यात्रा के दौरान बर्लिन में आयोजित 'कनेक्टिंग कल्चर्स' कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि चाहे कोई भी धर्म हो, उसका मूल संदेश सत्य के साथ खड़े रहने का है।
राहुल गांधी ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय भारत के सच्चे विचार और मूल्यों के श्रेष्ठ प्रतिनिधि हैं। इससे पहले राहुल गांधी ने जर्मन थिंक-टैंकों से संवाद किया और हर्टी स्कूल, बर्लिन में छात्रों व शिक्षाविदों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र केवल शासन व्यवस्था नहीं, बल्कि निरंतर सहभागिता, जिम्मेदारी और जवाबदेही की प्रक्रिया है।
उन्होंने बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका, नेतृत्व और लोकतांत्रिक मूल्यों पर अपने विचार साझा किए।कांग्रेस के अनुसार, राहुल गांधी ने समावेशी और समान शिक्षा की जरूरत पर जोर दिया और वैश्विक असमानताओं से निपटने के लिए मजबूत अंतरराष्ट्रीय सहयोग की वकालत की।यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जर्मनी के पूर्व चांसलर ओलाफ शोल्क के साथ लंच बैठक की, जिसमें वैश्विक मामलों, व्यापार और भारत-जर्मनी संबंधों पर चर्चा हुई।
उन्होंने जर्मन पर्यावरण मंत्री कार्स्टन श्नाइडर से भी मुलाकात कर जलवायु परिवर्तन और लोगों को केंद्र में रखने वाले टिकाऊ समाधानों पर विचार-विमर्श किया।कांग्रेस ने कहा कि यह यात्रा वैश्विक मंच पर भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारधारा को सामने रखने का प्रयास है।

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