वेटकिन सिटी, एएफपी। पोप फ्रांसिस ने समलैंगिकता को अपराध बताने वाले लोगों को गलत करार दिया। उन्होंने शनिवार को प्रकाशित एक पत्र में समलैंगिकता को पाप मानने के बारे में पहले की टिप्पणियों को स्पष्ट करने की मांग की है। जेसुइट पादरी को लिखे पत्र में फ्रांसिस ने कहा कि वह साक्षात्कार में यह यह साफ तौर पर बताना चाहते थे कि समलैंगिकता कोई अपराध नहीं है। उन्होंने अपने साक्षात्कार के दौरान इस बात पर जोर दिया कि अपराधीकरण न तो अच्छा है और न ही न्यायपूर्ण है। पोप ने बुधवार को एक साक्षात्कार में कहा था कि समलैंगिक होना अपराध नहीं है, बल्कि यह पाप है।
विवाह के बाहर यौन क्रिया करना पाप
उन्होंने लिखा कि जब मैंने यह कहा था कि यह एक पाप है, तो मैं सिर्फ कैथोलिक नैतिक शिक्षण का जिक्र कर रहा था। कैथोलिक नैतिक शिक्षण के अनुसार, विवाह के बाहर हर यौन क्रिया करना एक पाप है। मालूम हो कि 86 साल के फ्रांसिस को साल 2013 में पोप नियुक्त किया गया था। अपने नियुक्ति के बाद उन्होंने यैन मामले पर कई बार इस प्रकार की बात कही है। हाल ही में उन्होंने समलैंगिकता को अपराध ठहराने वाले कानून को अन्यायपूर्ण बताते हुए आलोचना की थी।
लोगों से LGBTQ समुदायों को चर्च में स्वागत करने को कहा
पोप ने बुधवार को अपने साक्षात्कार में कानूनों का समर्थन करने वाले कैथोलिक बिशपों से उन्होंने LGBTQ लोगों का चर्च में स्वागत करने का आह्वान किया। साक्षात्कार में पोप फ्रांसिस ने माना कि दुनिया के कुछ हिस्सों में कैथोलिक बिशप ऐसे कानूनों का समर्थन करते हैं जो समलैंगिकता को अपराध ठहराते हैं या एलजीबीटीक्यू लोगों के साथ भेदभाव करते हैं और खुद उन्होंने इस मुद्दे को पाप के रूप में संदर्भित किया था।
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