मोदी-पुतिन की दो टूक, 'हम आंतरिक मामलों में बाहरी दखलंदाजी के खिलाफ', संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की मुख्य बातें...
रूस में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की संयुक्त कांफ्रेंस में दुनिया को साफ संदेश दिया गया कि दोनों मुल्क आंतरिक मामलों में बाहरी दखलंदाजी के खिलाफ हैं।
व्लादिवोस्तोक, एजेंसी। PM Narendra Modi in Russia दो दिवसीय दौरे पर रूस पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बातचीत के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि भारत और रूस दोनों ही अपने आंतरिक मामलों में किसी 'बाहरी देश की दखलंदाजी' के खिलाफ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब अनुच्छेद-370 को हटाए जाने से पाकिस्तानी हुक्मरानों की बौखलाहट आए दिन सामने आ रही है। पाकिस्तानी नेताओं की भड़काऊ बयानों के कारण दोनों देशों के बीच तनाव भी काफी बढ़ गया है। आइये जानते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की बड़ी बातें...
#WATCH live from Vladivostok, Russia: PM Narendra Modi addresses, as the Russian President and he release a joint press statement. https://t.co/FdFuoTs9aT" rel="nofollow
— ANI (@ANI) September 4, 2019
चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच समुद्री मार्ग
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि चेन्नई और व्लादिवोस्तोक के बीच एक पूर्ण समुद्री मार्ग का प्रस्ताव है। इसके विकास को लेकर भारत और रूस के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर हुए हैं। भारत में रूस के सहयोग से बनाए जा रहे परमाणु संयंत्रों के कारण दोनों देशों के बीच इस क्षेत्र में सच्ची साझेदारी विकसित हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि रूस भारत का ‘अभिन्न मित्र एवं विश्वसनीय साझेदार’ है। भारत और रूस की मित्रता उनके राजधानी शहरों तक ही सीमित नहीं है। दोनों देशों ने अपने नागरिकों को इस रिश्ते के केंद्र में रखा है।
गगनयान परियोजना में मदद करेगा रूस
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि रूस भारत के गगनयान परियोजना में भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेस में भेजने में मदद करेगा। दोनों देशों के बीच रक्षा, वायु एवं समुद्री संपर्क, ऊर्जा, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम एवं व्यापार के क्षेत्र में 15 समझौतों पर दस्तखत हुए हैं। दोनों देशों के बीच मित्रता तेज गति से विकसित हो रही है। हमारी रणनीतिक साझेदारी ने न केवल दोनों देशों को लाभान्वित किया है वरन आम लोगों के विकास में भी योगदान दिया है। दोनों देश अपने रिश्ते को एक नए आयाम पर ले गए हैं।
द्विपक्षीय व्यापार में 17 फीसदी का इजाफा
रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि भारत रूस का महत्वपूर्ण सहयोगी है। दोनों देशों के बीच रिश्ते सामरिक एवं विशेष विशेषाधिकार की प्रकृति के हैं। हमनें पिछले साल व्यापार और निवेश में अपनी प्राथमिकताएं तय की थीं। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 17 फीसदी का इजाफा हुआ है। यह 11 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि भारत और यूरेशियन इकानॉमिक यूनियन के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना के लिए दोनों देशों का साझा लक्ष्य है। रूस भारत को ऊर्जा की आपूर्ति करने वाला भरोसेमंद स्रोत है।
भारत को 33 लाख टन तेल का निर्यात
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि पिछले साल हमने भारत को 33 लाख टन तेल का निर्यात किया है। इसके अलावा लगभग 550 हजार टन तेल उत्पादों और 45 लाख टन कोयले की भी आपूर्ति की गई है। प्रमुख संयुक्त परियोजना कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र हमारे सहयोग का बेहतरीन नमूना है। इसकी पहली दो इकाइयां पहले से काम कर रही हैं जबकि तीसरी और चौथी इकाई पर तय लक्ष्य के तहत काम चल रहा है। तकनीक और सैन्य क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को रेखांकित करते हुए पुतिन ने कहा कि हम सैन्य और तकनीकी सहयोग पर अपने द्विपक्षीय कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू कर रहे हैं। इसके लिए 2020 तक का लक्ष्य रखा गया है।