Human Development Index and Pakistan: मानव विकास सूचकांक में सात पायदान नीचे आया पड़ोसी पाकिस्तान, जानें भारत समेत अन्य देशों का हाल
मानव विकास सूचकांक में पाकिस्तान पिछले बार के मुकाबले सात पायदान नीचे आ गया है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 में 192 देशों में उसे 161वां स्थान मिला है। भूटान 127वें बांग्लादेश 129वें भारत 132वें और नेपाल 143वें स्थान पर है।

इस्लामाबाद, एजेंसी। Human Development Index and Pakistan: मानव विकास सूचकांक में पाकिस्तान पिछले बार के मुकाबले सात पायदान नीचे आ गया है। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की रिपोर्ट के अनुसार, 2021-22 में 192 देशों में उसे 161वां स्थान मिला है। 'अनिश्चित समय, अस्थिर जीवन : परिवर्तनशील विश्व में हमारे भविष्य को आकार देना' शीर्षक से रिपोर्ट जारी की गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में औसत आयु 66.1 वर्ष है। स्कूली शिक्षा के प्रवेश की औसत उम्र आठ साल है। सकल प्रति व्यक्ति राष्ट्रीय आय 4,624 डालर है। इस रिपोर्ट ने पहचान की है कि जलवायु परिवर्तन विश्व व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है, जो पिछले कुछ वर्षों में हासिल की गई वृद्धि को पीछे धकेल रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विभिन्न जलवायु आघात विश्व व्यवस्था को प्रभावित कर रहा है। इससे पिछले कुछ वर्षों में जो विकास हासिल किया गया था, वह पीछे जा रहा है। इस प्रभाव के अलावा पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ जलवायु के आघात का एक उदाहरण है। सूचकांक में स्विटजरलैंड शीर्ष पर है। जबकि नार्वे और आइसलैंड क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
ताजा HDI रिपोर्ट में स्विट्जरलैंड सबसे आगे है। नार्वे और आइसलैंड दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। दक्षिण एशियाई देशों में अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका शामिल है। केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान (180वां स्थान) निम्न मानव विकास श्रेणी में हैं। भूटान (127), बांग्लादेश (129), भारत (132) और नेपाल (143) मध्यम मानव विकास श्रेणी में हैं, और संकटग्रस्त श्रीलंका ने अपनी स्थिति में नौ अंकों का सुधार किया है। अब वह 73वें स्थान पर पहुंच गया है। वहीं मालदीव 90वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में पाया गया है कि सर्वे के वर्ष में लगभग 90 फीसद देशों ने मानव विकास में उलटफेर को देखा है जिससे वैश्विक व्यवधान पैदा होते हैं। द न्यूज ने रिपोर्ट के हवाले से कहा है कि इन व्यवधानों के लिए दो प्रमुख कारक कोराना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध है। एचडीआई देशों के जीवन स्तर, स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर का एक पैमाना है। पिछले 30 वर्षों में यह पहली बार है जब अधिकतर देशों में मानव विकास लगातार दो वर्षों तक विपरीत रहा है।
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