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    पाकिस्तान ने भारत पर लगाया आरोप तो भड़का तालिबान, कहा- हमेशा तर्कहीन बातें...

    Updated: Wed, 22 Oct 2025 10:19 AM (IST)

    तालिबान ने पाकिस्तान के उन आरोपों को 'तर्कहीन' बताया है, जिसमें पाकिस्तान ने भारत पर अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल पाकिस्तान में आतंकवाद फैलाने के लिए करने का आरोप लगाया था। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान किसी भी देश के खिलाफ अपनी धरती का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं देगा। भारत ने भी हमेशा इन आरोपों का खंडन किया है।

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    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने पाकिस्तान के उस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत पर अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर हाल की झड़पों में भूमिका निभाने का इल्जाम लगाया था।

    काबुल ने इन आरोपों को "बेबुनियाद, तर्कहीन और अस्वीकार्य" बताया है। अफगान रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब ने साफ किया कि काबुल भारत के साथ अपने रिश्तों को राष्ट्रीय हितों के दायरे में मजबूत करना चाहता है, लेकिन इसका मतलब किसी तीसरे देश के खिलाफ कार्रवाई नहीं है।

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    'हम भारत-पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते चाहते हैं'

    यह बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत और तालिबान के बीच संबंधों में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है, भले ही नई दिल्ली ने अभी तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी हो।

    याकूब तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर के बेटे हैं। उन्होंने कतरी समाचार प्रसारक अल जजीरा को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "हमारी नीति कभी भी अपनी जमीन को किसी अन्य देश के खिलाफ इस्तेमाल करने की नहीं रही। हम भारत के साथ स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में संबंध रखते हैं और इन्हें और मजबूत करेंगे।"

    उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान, पाकिस्तान के साथ अच्छे पड़ोसी के रिश्ते बनाए रखना चाहता है, लेकिन इसके लिए आपसी सम्मान और प्रतिबद्धता जरूरी है।

    पाकिस्तान के आरोप पर तालिबान का जवाब

    पाकिस्तान ने तालिबान पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे उग्रवादी समूहों को पनाह देने और उन्हें अफगानिस्तान में सुरक्षित ठिकाने देने का आरोप लगाया है। हालांकि, तालिबान ने इन आरोपों को हमेशा खारिज किया है।

    याकूब ने कहा कि हाल की झड़पों का कारण पाकिस्तान की आक्रामक कार्रवाइयां, जैसे काबुल पर हवाई हमले हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि कतर और तुर्की को शांति समझौते के कार्यान्वयन में मदद और निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यह समझौता तभी कायम रहेगा, जब कोई भी देश एक-दूसरे की सीमा का उल्लंघन नहीं करेगा।

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