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    चीन में कोयला तस्करी कर रहीं उत्तर कोरियाई कंपनियां, अंतरराष्ट्रीय परमाणु प्रतिबंधों का हो रहा उल्लंघन

    रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में कोयले की किल्लत आयात में कटौती और घरेलू उत्पादन में कमी की वजह से हुई है। चीन बढ़ रही ऊर्जा की मांग को संतुलित करना चाहता है ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाते हुए प्रदूषण पर अंकुश लगा सके।

    By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Updated: Tue, 12 Oct 2021 06:15 PM (IST)
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    जो कंपनियां कोयले की तस्करी कर रही हैं, उनका संचालन सरकारी संगठन कर रहे

    प्योंगयांग, एएनआइ। उत्तर कोरिया की कंपनियां अंतरराष्ट्रीय परमाणु प्रतिबंधों का उल्लंघन कर बिजली संकट से जूझ रहे चीन को अवैध तरीके से कोयला बेच रही हैं। रेडियो फ्री एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन में कोयले की किल्लत आयात में कटौती और घरेलू उत्पादन में कमी की वजह से हुई है। चीन बढ़ रही ऊर्जा की मांग को संतुलित करना चाहता है, ताकि कार्बन उत्सर्जन में कमी लाते हुए प्रदूषण पर अंकुश लगा सके। उत्तर कोरिया के उत्तर प्योंगान प्रांत के एक अधिकारी के हवाले से रेडियो फ्री एशिया ने बताया कि जो कंपनियां कोयले की तस्करी कर रही हैं, उनका संचालन सरकारी संगठन करते हैं।

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    उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2017 में कोयले के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इसके बाद से कोयले की तस्करी शुरू हो गई है।

    इस बीच, चीन बिजली संकट का सामना कर रहा है, जिससे कारखानों को संचालन, बिजली की खपत को कम करने और कुछ प्रांतों में ब्लैकआउट करने के लिए वहां की सरकारें मजबूर हैं। फारेन पालिसी पत्रिका के अनुसार, चीन अब भी बिजली उत्पादन के लिए कोयले पर निर्भर है। वहां 70 प्रतिशत बिजली का उत्पादन कोयले से होता है। हालांकि, विदेश नीति की रिपोर्ट में कहा गया है कि संकट के कारणों का भी पता लगाया जा सकता है कि महामारी की शुरुआत के बाद नीतिगत गलतियां और बाजार के खराब हालातों का हस्तक्षेप हैं।

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