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    जिद्द छोड़ क्यों झुके तानाशाह किम जोंग उन, उत्तर कोरिया ने लिया ये बड़ा फैसला; क्या है पूरा मामला?

    Updated: Wed, 26 Feb 2025 06:13 PM (IST)

    उत्तर कोरिया ने पांच साल बाद विदेशी सैलानियों के लिए यात्रा प्रतिबंध हटा लिया है जो कोविड-19 महामारी के कारण लगाया गया था। विशेषज्ञों का मानना ​​है कि यह निर्णय उत्तर कोरिया की संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए विदेशी मुद्रा आकर्षित करने का प्रयास है। हाल ही में रूस के पर्यटकों को अनुमति दी गई थी जबकि चीनी पर्यटकों की वापसी अभी रुकी हुई है।

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    किम जोंग जिद्दी और रूढ़ीवादी सोच के लिए जाने जाते हैं। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। उत्तर कोरिया में पिछले पांच सालों से विदेशी सैलिनियों की एंट्री पर बैन थी लेकिन अब ये बैन हटा लिया गया है। सैलानियों के एंट्री पर बैन कोविड महामारी के वक्त लगाई गई थी। हालांकि पिछले सप्ताह विदेशी पर्यटकों का एक जत्था उत्तर कोरिया पहुंचा है। पिछले साल रूस के सैलानियों को भी उत्तर कोरिया में घुमने की इजाजत दी गई थी, लेकिन उत्तर कोरिया के हालिया फैसले ने सवाल भी खड़े किए हैं कि आखिर किम जोंग उन के देश ने अचानक ऐसा फैसला क्यों लिया?

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    दरअसल उत्तर कोरिया में तानाशाह किम जोंग उन का राज चलता है। किम जोंग जिद्दी और रूढ़ीवादी सोच के लिए जाने जाते हैं, जो अमेरिका और यूरोपीय देशों को आए दिन जंग की चुनौती देते रहते हैं।

    समाचार एजेंसी एपी के मुताबिक, विशेषज्ञों का कहना है कि सैलानियों को उत्तर कोरिया में यात्रा करने का परमिशन मिलना इस बात का संकेत है कि उत्तर कोरिया अपने अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को फिर से पूरी तरह से शुरू करने की तैयारी कर रहा है, ताकि अपनी संकटग्रस्त अर्थव्यवस्था में फिर से जान फूंकने के लिए विदेशी मुद्रा ला सके।

    • महामारी शुरू होने के बाद उत्तर कोरिया ने पर्यटकों पर तुरंत प्रतिबंध लगा दिया,
    • राजनयिकों को बाहर निकाल दिया और दुनिया के सबसे कठोर कोविड-19 प्रतिबंधों में से एक में सीमा यातायात को गंभीर रूप से कम कर दिया।
    • 2022 से, उत्तर कोरिया धीरे-धीरे प्रतिबंधों में ढील दे रहा है और अपनी सीमाओं को फिर से खोल रहा है।

    पिछले साल रूसी पर्यटकों को मिली थी इजाजत

    फरवरी 2024 में, उत्तर कोरिया ने लगभग 100 रूसी पर्यटकों को स्वीकार किया, जो पर्यटन के लिए देश में आने वाले पहले विदेशी नागरिक थे। इसने कई पर्यवेक्षकों को आश्चर्यचकित कर दिया, जिन्होंने सोचा था कि महामारी के बाद पहले पर्यटक चीन से आएंगे, जो उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार और प्रमुख सहयोगी है।

    दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने आधिकारिक रूसी आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2024 के दौरान कुल 880 रूसी पर्यटक उत्तर कोरिया गए। उत्तर कोरिया में चीनी समूह पर्यटन अभी भी रुका हुआ है।

    यह इस बात का संकेत है कि उत्तर कोरिया और रूस एक दूसरे के कितने करीब आ गए हैं, क्योंकि उत्तर कोरिया ने यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस को हथियार और सैनिक मुहैया कराए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि उत्तर कोरिया और चीन के बीच संबंधों में तल्खी आई है, क्योंकि चीन ने उत्तर कोरिया और रूस के साथ तीन-तरफा, अमेरिका विरोधी गठबंधन में शामिल होने में अपनी अनिच्छा दिखाई है।

    डोनाल्ड ट्रंप ने किया था इशारा

    महामारी से पहले, पर्यटन उत्तर कोरिया के लिए विदेशी मुद्रा का एक आसान, वैध स्रोत था। उत्तर कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम के कारण दुनिया के सबसे अधिक प्रतिबंधित देशों में से एक है। उम्मीद है कि उत्तर कोरिया जून में पूर्वी तट पर एक विशाल पर्यटन स्थल खोलेगा। जनवरी में जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने किम जोंग उन के साथ अपने संबंधों के बारे में दुनिया को बताया था, तो उन्होंने कहा था कि "मुझे लगता है कि उनके (उत्तर कोरिया) पास जबरदस्त कॉन्डो (अपार्टमेंट) क्षमताएं हैं। उनके पास बहुत सी तटरेखा है।"

    दक्षिण कोरिया की खुफिया एजेंसी की ओर से संचालित थिंक टैंक इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्ट्रैटेजी के विशेषज्ञ ली सांगक्यून ने कहा कि चीनी पर्यटकों की वापसी उत्तर कोरिया के पर्यटन उद्योग को आकर्षक बनाने के लिए अहम होगी क्योंकि महामारी से पहले कुल अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में 90% से अधिक चीनी पर्यटक थे। उन्होंने कहा कि अतीत में, सालाना 300,000 तक चीनी पर्यटक उत्तर कोरिया जाते थे।

    ली ने कहा, "उत्तर कोरिया पर्यटन स्थलों पर भारी निवेश कर रहा है, लेकिन घरेलू स्तर पर इसकी मांग बहुत ज़्यादा नहीं है।" "हम यह आकलन कर सकते हैं कि उत्तर कोरिया अब विदेशों से बहुत से पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय पर्यटन को फिर से शुरू करना चाहता है।"

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