Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नोबेल शांति पुरस्कार विजेता ने कहा- यूक्रेन लड़ना जारी रखे, बातचीत करने का मतलब है कमजोर दिखना

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Sat, 10 Dec 2022 03:51 AM (IST)

    यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध जारी रखना चाहिए। युद्ध की समाप्ति के लिए रूस के साथ बातचीत को यूक्रेन की कमजोरी का संकेत माना जाएगा। यह बात यूक्रेन के मान ...और पढ़ें

    Hero Image
    यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध जारी रखना चाहिए: ओलेक्जेंडर मात्विचुक

    ओस्लो, एजेंसी। यूक्रेन को रूस के साथ युद्ध जारी रखना चाहिए। युद्ध की समाप्ति के लिए रूस के साथ बातचीत को यूक्रेन की कमजोरी का संकेत माना जाएगा। यह बात यूक्रेन के मानवाधिकार संगठन के प्रमुख ने कही है जिसे इस बार का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है। 2022 का नोबेल शांति पुरस्कार यूक्रेन के संगठन सेंटर फार सिविल लिबर्टीज, रूस के मानवाधिकार संगठन मेमोरियल और जेल में बंद बेलारूस के मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालित्स्की को दिया गया है। यह पुरस्कार शनिवार को ओस्लो में आयोजित समारोह में दिया जाएगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    लोगों को मरने और उत्पीड़न झेलने के लिए नहीं छोड़ सकते: ओलेक्जेंडर मात्विचुक

    यूक्रेन में युद्ध की समाप्ति के लिए बातचीत की बढ़ती संभावना पर यूक्रेनी संगठन के प्रमुख ओलेक्जेंडर मात्विचुक ने कहा, हम कब्जे वाले इलाकों में रह रहे अपने लोगों को मरने और उत्पीड़न झेलने के लिए नहीं छोड़ सकते। इसलिए पश्चिमी देशों को चाहिए कि वे प्रतिरोध और रूस के कब्जे वाले इलाकों को मुक्त कराने में यूक्रेन का साथ दें। यह सहयोग क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के सहित सभी इलाकों को मुक्त कराने के लिए दिया जाना चाहिए।

    युद्ध की वजह से नहीं होगी भारत और रूस की शिखर वार्ता 

    बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस वर्ष रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ शिखर वार्ता नहीं करेंगे। ऐसा वो यूक्रेन युद्ध और उसमें परमाणु हथियार के इस्तेमाल की पुतिन की धमकी के मद्देनजर करेंगे।  ये बात अमेरिका की ब्लूमबर्ग न्यूज ने सूत्रों के हवाले से कही गई है। वैसे मोदी और पुतिन सितंबर में उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के दौरान अनौपचारिक रूप से मिल चुके हैं। दोनों नेता यूक्रेन युद्ध और अन्य मुद्दों पर 2022 में कई बार टेलीफोन पर भी बात कर चुके हैं।

    ब्लूमबर्ग न्यूज ने एक रूसी अधिकारी के हवाले से कहा है कि भारत ने एससीओ समिट के दौरान उज्बेकिस्तान में ही इस वर्ष मोदी-पुतिन की वार्ता संभव ना होने की जानकारी दे दी थी। विदित हो कि राष्ट्रपति पुतिन दोनों देशों की 21वीं वार्षिक शिखर वार्ता में भाग लेने के लिए दिसंबर 2021 में नई दिल्ली आए थे।

    यह भी पढ़ें: यूक्रेन युद्ध ने टाली भारत और रूस की शिखर वार्ता, सरकार ने घोषित नहीं किया PM मोदी के दौरे का कार्यक्रम