Bangladesh Violence: चिन्मय की जमानत पर चल रही थी सुनवाई, पक्ष रखने नहीं पहुंचा कोई वकील; अब करना होगा लंबा इंतजार
बांग्लादेश में हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी के बाद अगले दिन जमानत रद किए जाने के बाद संघर्ष शुरू हो गया। इसमें एक वकील की मौत हो गई और चिन्मय के वकील पर हमला कर घर में तोड़फोड़ की गई। इसके बाद ऑल त्रिपुरा होटल एंड रेस्टोरेंट ओनर्स एसोसिएशन ने निर्णय लिया कि पड़ोसी देश में भारतीय ध्वज के अपमान के चलते बांग्लादेश के मेहमानों को खाना-पीना नहीं देंगे।
पीटीआई, ढाका। बांग्लादेश की एक अदालत में मंगलवार को कड़ी सुरक्षा के बीच हिंदू धर्मगुरु चिन्मय कृष्णदास ब्रह्मचारी की जमानत पर सुनवाई होनी थी, लेकिन उनकी तरफ से पक्ष रखने कोई वकील नहीं पहुंचा। इसके बाद अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख दो जनवरी तय की है।
जनवरी में होगी सुनवाई
एक सरकारी अभियोजक ने बताया कि चिन्मय की जमानत की अर्जी पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी। लेकिन बचाव पक्ष की तरफ से कोई भी वकील नहीं पहुंचा, जिसके बाद मेट्रोपालिटन सेशंस जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने इसकी तारीख आगे बढ़ा दी। अब इस मामले में जनवरी 2025 में सुनवाई होगी।
धमकियों का डर-वकीलों पर दबाव
सम्मिलित सनातनी जागरण जोटे संस्था में दास के एक सहयोगी स्वतंत्र गौरांग दास ने कहा कि हिंदू धर्मगुरु की तरफ से कोई वकील सामने आने की हिम्मत इसलिए नहीं जुटा पाया क्योंकि उन्हें धमकियों का डर था और राजनीति से प्रेरित वकीलों के समूह से दबाव पड़ रहा था।
अदालत परिसर में प्रदर्शन रैली
मंगलवार को सुनवाई को लेकर अदालत परिसर के पास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। हालांकि दास को सुनवाई के लिए अदालत नहीं लाया गया। इस दौरान चट्टोग्राम बार एसोसिएशन के नेता समेत अन्य वकीलों ने अदालत परिसर में प्रदर्शन रैली भी निकाली।
भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा तलब
बता दें कि अगरतला में बांग्लादेश उप उच्चायोग में हमले के एक दिन बाद सुरक्षा कारणों के चलते यहां की सभी सेवाएं बंद कर दी गई हैं। एक के बाद एक घटनाक्रमों से भारत के साथ बढ़ रही तल्खी के बीच बांग्लादेश ने मंगलवार को भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया। वहीं, त्रिपुरा पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है और चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई की है।
बेहतर हैं भारत-बांग्लादेश के संबंध
भारतीय उच्चायुक्त वर्मा मंगलवार शाम कार्यवाहक विदेश सचिव रियाज हमीदुल्ला से मिलने विदेश मंत्रालय पहुंचे। बैठक के बाद वर्मा ने मीडिया को बताया कि दिल्ली, बांग्लादेश के साथ स्थिर, सतत और रचनात्मक संबंध बनाए रखना चाहता है। दोनों देशों के बीच व्यापक और बहुआयामी संबंध हैं जिन्हें एक मुद्दे तक सीमित नहीं किया जा सकता। हम बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ जुड़ाव के इच्छुक हैं।
बांग्लादेश के कानूनी सलाहाकार आसिफ नजरूल ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'हम समानता और आपसी सम्मान पर आधारित मित्रता में विश्वास रखते हैं। जहां शेख हसीना की सरकार ने बिना चुनाव के सत्ता हासिल करने के लिएभारत समर्थक नीति अपनाई, भारत को अब यह जरूर समझना चाहिए कि यह शेख हसीना का बांग्लादेश नहीं है।'
उन्होंने आरोप लगाया कि हिंदू संघर्ष समिति नामक एक संगठन अगरतला में बांग्लादेश के उप उच्चायोग पर हमले के लिए जिम्मेदार है और इस दौरान हमारा राष्ट्रीय झंडा भी जला दिया गया। अगर ऐसी ही घटना बांग्लादेश में मुस्लिम संघर्ष समिति के नाम से की गई होती, तो भारत ने कितनी आक्रामक प्रतिक्रिया दी होती।
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