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    'गोपनीय बाधा' के कारण नीरव मोदी के प्रत्यर्पण में हुआ विलंब, अदालत ने कहा- फरार होने का जोखिम अधिक

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Sun, 18 May 2025 09:38 PM (IST)

    मनी लॉड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों में भारत में वांछित हीरा व्यापारी नीरव मोदी की जमानत याचिका लंदन हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है। जज ने प्रत्यर्पण कार्य ...और पढ़ें

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    नीरव के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल बिना किसी मुकदमे के लंबे समय से जेल में बंद है।

    पीटीआई, लंदन। मनी लॉड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोपों में भारत में वांछित हीरा व्यापारी नीरव मोदी इन दिनों लंदन की टेम्ससाइड जेल में बंद हैं। उनकी नवीनतम जमानत याचिका को लंदन हाईकोर्ट के जज ने इसी सप्ताह खारिज कर दिया है।

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    उन्होंने अपने फैसले में नीरव के खिलाफ लंबे समय से चल रही प्रत्यर्पण कार्यवाही में ''गोपनीय बाधा'' का उल्लेख किया है। जस्टिस माइकल फोर्डहम ने गुरुवार को रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में उनकी जमानत पर सुनवाई के दौरान टिप्पणी की कि यह मानने के पर्याप्त आधार हैं कि अगर नीरव मोदी को जमानत पर रिहा किया गया तो वह ''आत्मसमर्पण करने में नाकाम रहेंगे'' और उनके फरार होने का जोखिम अधिक रहेगा।

    नीरव मोदी के वकील की क्या है दलील?

    नीरव के वकील ने दलील दी कि उनका मुवक्किल बिना किसी मुकदमे के लंबे समय से जेल में बंद है और इसी आधार पर उन्हें जमानत मिलनी चाहिए। लेकिन, जज ने 'गोपनीय' प्रक्रिया की उन बाधाओं का जिक्र किया जिसने नीरव को भारतीय अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण करने से रोक दिया। हालांकि, उनके प्रत्यर्पण से संबंधित कानूनी प्रक्रिया 'अपना काम कर चुकी थी'।

    जस्टिस फोर्डहम ने कहा, ''एक कानूनी कारण है जो गोपनीय कार्यवाही से संबंधित है।' इसकी प्रकृति आवेदक (नीरव मोदी) और उसके वकीलों को पता है; यह गृह मंत्रालय को भी पता है। लेकिन, मैंने जो कुछ भी दर्ज कराया है, उसके अलावा सीपीएस (क्राउन प्रासिक्यूशन सर्विस) या भारत सरकार या इस कोर्ट को कुछ भी पता नहीं है।''

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