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    ISRO Mission: पूरा नहीं हो सका इसरो का 101वां मिशन, इस कारण जासूसी सैटेलाइट रही विफल

    By Agency Edited By: Chandan Kumar
    Updated: Sun, 18 May 2025 08:27 PM (IST)

    ISRO PSLV C61 Mission श्रीहरिकोटा से इसरो का पीएसएलवी-सी61 ईओएस-09 मिशन तीसरे चरण में तकनीकी समस्या के कारण विफल रहा। दो चरण सामान्य रहे लेकिन मोटर केस के चेंबर प्रेशर में गिरावट आई। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। पीएसएलवी भारत का सबसे विश्वसनीय रॉकेट है लेकिन 63 मिशनों में यह तीसरी असफलता है। पूर्व में भी इसरो को जनवरी में असफलता मिली थी।

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    पीएसएलवी भारत का सबसे विश्वसनीय रॉकेट है।

    पीटीआई, श्रीहरिकोटा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का 101वां मिशन पूरा नहीं हो सका। लॉन्चिंग के तीसरे चरण में मोटर केस के चेंबर प्रेशर में गिरावट के कारण पीएसएलवी स्वदेशी जासूसी उपग्रह ईओएस-09 को कक्षा तक पहुंचाने में सफल नहीं हो सका। पीएसएलवी चार-चरणों वाला रॉकेट है। श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रविवार सुबह 5:59 बजे ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) सी-61 ने अर्थ आब्जर्वेशन सेटेलाइट ईओएस-09 के साथ उड़ान भरी, लेकिन उड़ान के 12वें मिनट में इसमें तकनीकी समस्या आ गई।

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    तीसरे चरण में आई तकनीकी समस्या

    लाॉन्चिंग के बाद पीएसएलवी की उड़ान को मिशन कंट्रोल सेंटर और देश के विभिन्न हिस्सों में स्थित इसरो के अन्य केंद्रों से ट्रैक किया गया। इसरो की ओर से साझा किए गए डेटा के अनुसार दूसरे चरण तक सबकुछ ठीक था, लेकिन तीसरे चरण में तकनीकी समस्या आ गई। इसरो अध्यक्ष वी. नारायणन ने कहा, हमने श्रीहरिकोटा से 101वें प्रक्षेपण पीएसएलवी-ष्ट61 ईओएस-09 मिशन का लक्ष्य रखा था।

    दो चरणों में प्रदर्शन सामान्य रहा, लेकिन तीसरे चरण में मोटर केस के चेंबर प्रेशर में गिरावट आई, जिसके कारण मिशन सफल नहीं हो सका। इसरो के पूर्व अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने कहा, मैं जानता हूं कि तीसरे चरण के ठोस मोटर के विकास के दौरान हमें कितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा था। इस स्तर पर ऐसी समस्याएं फिर से उभरना असामान्य है। फिर भी मुझे विश्वास है कि टीम जल्दी और प्रभावी रूप से मूल कारण की पहचान करेगी।

    • सबसे विश्वसनीय रॉकेट पीएसएलवी, 63 मिशन में केवल तीन असफलता
    • पीएसएलवी भारत का सबसे विश्वसनीय रॉकेट है।
    • इस रॉकेट के 63 मिशनों में से 60 सफल रहे हैं। यह पीएसएलवी का तीसरा असफल मिशन था।
    • इसी रॉकेट ने चंद्रयान-1 और मंगल आर्बिटर मिशन को लांच किया था।
    • पीएसएलवी को पहली बार असफलता का सामना 1993 में करना पड़ा था।
    • यह पीएसएलवी की पहली उड़ान थी।
    • इसके बाद दूसरी असफलता 2017 में मिली जब यह एक नेविगेशन उपग्रह को कक्षा में स्थापित करने में असफल रहा था।

    इसरो को इससे पहले जनवरी में मिली थी असफलता

    इसरो को ईओएस-09 मिशन से पहले जनवरी में असफलता का सामना करना पड़ा था जब नेविगेशन उपग्रह एनवीएस-02 जियो-सिंक्रोनस सेटेलाइट लांच व्हीकल (जीएसएलवी) रॉकेट भू-स्थिर कक्षा में स्थापित नहीं कर सका था।

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