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    बीमार पैक्सों के लिए नई नीति लाएगी सरकार, अमित शाह बोले- 2029 तक देश की हरेक पंचायत में होगी PACS की स्थापना

    Updated: Sun, 18 May 2025 08:12 PM (IST)

    केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सरकार पंजीकृत पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समितियां) को बीमार होने से बचाने के लिए नई नीति लाएगी। इस नीति के तहत बंद हो चुकी पैक्सों का समाधान किया जाएगा और नई पैक्सों का पंजीकरण कराया जाएगा। केंद्र सरकार 2029 तक दो लाख नई पैक्स बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

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    नई नीति के तहत पैक्सों की सारी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार का प्रयास है कि कोई भी पंजीकृत पैक्स (प्राथमिक कृषि साख समितियां) बीमार न हों। पहले से परिसमापन (लिक्विडेशन) की स्थिति में पहुंच चुकी पैक्सों के त्वरित समाधान और उनके स्थान पर नई पैक्सों के गठन के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक नई नीति लाने जा रही है।

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    अमित शाह रविवार को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में अहमदाबाद में आयोजित "सहकारी महासम्मेलन" को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नई नीति के तहत पैक्सों की सारी समस्याओं का समाधान किया जा सकेगा। साथ ही पूरी तरह बंद हो चुकी पैक्सों के स्थान पर नई पैक्स का पंजीकरण भी कराया जाएगा।

    इस वर्ष को 'सहकारिता वर्ष' घोषित किया

    उन्होंने विश्वास जताया कि भविष्य में एक भी पंजीकृत पैक्स वित्तीय रूप से बीमार नहीं होगी। अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र को समृद्ध एवं विस्तार देने के लिए समूहों एवं संस्थाओं में जागरूकता, प्रशिक्षण एवं पारदर्शिता लाने की कोशिश की जा रही है। इसी के तहत सरकार ने इस वर्ष को 'सहकारिता वर्ष' घोषित किया है। साथ ही 'सहकारिता में विज्ञान' को महत्व दिया है।

    उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार का लक्ष्य वर्ष 2029 तक देशभर में दो लाख नई पैक्स बनाने का है। पहले से बनी पैक्सों को बहुआयामी बनाया जा रहा है, ताकि उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो सके। इसके लिए पैक्सों के साथ 22 विभिन्न प्रकार के व्यवसायों को जोड़ा गया है।

    अमित शाह ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में "सर्कुलर इकोनॉमी" को बढ़ावा देने के लिए एक सहकारी स्वामित्व वाली कंपनी के जरिए आइसक्रीम, चीनी, पनीर बनाने एवं दूध को ठंडा रखने की मशीनों और फैट मापन उपकरणों के निर्माण की दिशा में भी कदम उठाए जा रहे हैं।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नई पहल के तहत डेयरी क्षेत्र में मृत पशुओं की खाल, हड्डियों एवं सींगों के उपयोग के लिए भी सहकारी समितियों का गठन करने का प्रयास किया जा रहा है।

    चौथे स्तर का सहकारी ढांचा लागू करने की योजना पर काम

    अमित शाह ने कहा कि सहकारी क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए सरकार के स्तर पर कई तरह के बदलाव किए गए हैं। जरूरत है उन्हें जमीनी स्तर तक पहुंचाने की, ताकि पैक्स और किसान सीधे लाभान्वित हो सकें। उन्होंने प्रत्येक जिले को सहकारिता आंदोलन से जोड़ने पर जोर दिया और कहा कि सभी राज्यों की प्राथमिक मंडलियों की स्थिति सुधारनी होगी। जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सहकारिता के ढांचे को भी मजबूत करना होगा।

    केंद्र सरकार तीन-स्तरीय ढांचे की जगह एक चौथे स्तर का सहकारी ढांचा लागू करने की योजना पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि इसके लिए समानुपातिक विकास का लक्ष्य तय किया गया है, जिसमें तीन मुख्य स्तंभ होंगे- सहकारिता को समाज की मुख्यधारा में शामिल करना, तकनीक के जरिए पारदर्शिता एवं विश्वसनीयता लाने के साथ अधिक से अधिक नागरिकों को सहकारिता आंदोलन से जोड़ने की तैयारी है। मंत्रालय स्तर पर काम किया जा रहा है। अभी तक 57 तरह की पहलें की गई हैं।

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