Nepal Protest: 'सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए', सुशीला कर्की ने नेपाल के लिए बनाया 6 महीने का मास्टर प्लान
नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए जन-आंदोलन से राजनीतिक उथल-पुथल मची है। सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कर्की ने अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में कहा कि उनकी सरकार सत्ता का आनंद लेने नहीं बल्कि देश को स्थिर करने आई है। उन्होंने युवाओं के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की सराहना की और मृतकों के परिवारों को मुआवजा देने का एलान किया।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ उठे जन-आंदोलन ने बड़ी राजनीतिक हलचल मचा दी है। इसी बीच देश की अंतरिम प्रधानमंत्री बनीं सुप्रीम कोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस सुशीला कर्की ने साफ कहा है कि उनकी सरकार सत्ता का आनंद लेने नहीं, बल्कि देश को स्थिर करने के लिए आई है।
73 वर्षीय कर्की ने पदभार संभालने के बाद मीडिया से कहा, "हम यहां सत्ता का स्वाद चखने नहीं आए हैं। हमारी जिम्मेदारी सिर्फ छह महीने की है। इसके बाद हम सत्ता नए संसद को सौंप देंगे। बिना जनता के समर्थन के हम सफल नहीं हो सकते।"
सुशीला कर्की ने आंदोलन की तारीफ की
सुशीला कर्की ने 'Gen Z' युवाओं के नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन की तारीफ की। इसी आंदोलन ने केपी शर्मा ओली की सरकार को सत्ता से बाहर किया। कर्की ने कहा कि जिन लोगों ने इस आंदोलन में अपनी जान गंवाई, उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाएगा।
उन्होंने एलान किया कि मृतकों के परिवार को 10 लाख नेपाली रुपये मुआवजा दिया जाएगा। घायल लोगों के इलाज के पूरा खर्च सरकार उठाएगी और जरूरत पड़नेपर आर्थिक मदद भी की जाएगी। 'द हिमालयन टाइम्स' के मुताबिक, हाल की घटनाओं में अब तक 72 मौतें हुई हैं, जिनमें 59 प्रदर्शनकारी, 10 कैदी और 3 पुलिसकर्मी शामिल हैं।
प्रभावित लोगों को मिलेगा मुआवजा
कर्की ने आंदोलन के दौरान हुई तोड़फोड़ पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कई निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया और आगजनी की घटनाएं हुईं। सरकार इसकी जांच करेगी और प्रभावित लोगों को मुआवजा देने की व्यवस्था करेगी।
उनका कहा था कि लगता है कि तोड़फोड़ और हिंसा योजनाबद्ध तरीके से हुई। यह किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। जो लोग इसमें शामिल पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी। सरकार ने संकेत दिया कि मुआवजा सॉफ्ट लोन या अन्य तरीकों से दिया जा सकता है।
कैसे पीएम बनीं सुशीला कर्की?
अंतरिम प्रधानमंत्री ने कहा कि नेपाल इस समय गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहा है। इसलिए उनकी प्राथमिकता अर्थव्यवस्था को स्थिर करना और पुनर्निर्माण का काम तेज करना होगी। बता दें, युवाओं के दबाव और तेज हुए आंदोलन के बाद ही कर्की को अंतरिम पीएम बनाया गया है।
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