नासा की इस खास तकनीक से तीन गुना अधिक होगी अनाज की पैदावार
वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पीड ब्रीडिंग तकनीक का वर्टिकल फार्मिंग सिस्टम में भी प्रयोग किया जा सकेगा। इसमें बहुमंजिला ग्रीन हाउस में खेती की जाती है। ...और पढ़ें

मेलबर्न (प्रेट्र)। ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने दुनिया की पहली ‘स्पीड ब्रीडिंग’ तकनीक विकसित की है। इससे गेहूं समेत अन्य अनाजों का उत्पादन तीन गुना तक बढ़ सकता है। यह तकनीक नासा की ओर से अंतरिक्ष में गेहूं उगाने वाले प्रयोग पर आधारित है। इसमें नासा ने गेहूं पर लगातार प्रकाश का प्रयोग किया था, जिससे ब्रीडिंग क्षमता बढ़ गई थी।
वैज्ञानिकों का कहना है 2050 तक हमें दुनिया भर के नौ अरब लोगों के लिए भोजन उपलब्ध कराना होगा। इसके लिए वर्तमान से 60 से 80 फीसद अधिक अनाज उत्पादन की जरूरत होगी। ऐसे में नई तकनीक की उपयोगिता अधिक बढ़ जाती है। यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के शोधकर्ता ली हिकी ने बताया, ‘हमने नासा की तकनीक से पृथ्वी पर भी कम समय में अनाज उगाने की कोशिश की। इससे हम पौधों की आनुवांशिक विशेषताओं को भी बढ़ा सकते हैं।’

स्पीड ब्रीडिंग तकनीक से विशेष पौधा घरों में एक साल में ही गेहूं, काबुली चना और जौ की छह व तिलहन की चार प्रजातियां उगाई जा सकती हैं। पुराने पौधा घरों में किसी भी अनाज की दो से तीन जबकि खेतों में केवल एक ही प्रजाति उगाई जा सकती है।
इस प्रयोग से पता चलता है कि अधिक देर तक प्रकाश देने और मौसम को नियंत्रित कर फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है। डॉव एग्रो साइंसेज के साथ मिलकर शोधकर्ताओं ने नई तकनीक से डीएस फराडे नामक गेहूं की प्रजाति को विकसित किया है।
नेचर प्लांट पत्रिका में छपे शोध के वैज्ञानिकों का कहना है कि स्पीड ब्रीडिंग तकनीक का वर्टिकल फार्मिंग सिस्टम में भी प्रयोग किया जा सकेगा। इसमें बहुमंजिला ग्रीन हाउस में खेती की जाती है।
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