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    रहस्यमयी ड्रोन ने यूरोपीय देशों में मचाई दहशत, कई एयरपोर्ट पर विमान संचालन हुआ प्रभावित

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 10:00 PM (IST)

    यूरोपीय देशों में रहस्यमय ड्रोन उड़ानों से दहशत का माहौल है। नाटो के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है, जिसके लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। पोलैंड में रूसी ड्रोन की घुसपैठ के बाद, यूरोपीय देश अब 'ड्रोन दीवार' बनाने पर सहमत हुए हैं। कुछ मामलों में ड्रोन देखे जाने की पुष्टि नहीं हो पा रही है। लिथुआनिया ने रूसी विमानों द्वारा हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन बताया है।

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    म्यूनिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट। (रॉयटर्स)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल के हफ्तों में यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों के एयर स्पेस में रहस्यमयी ड्रोन उड़ानों ने जनता और अधिकारियों को चिंतित कर दिया है।

    नाटो के एयर स्पेस में घुसपैठ, जिनमें से कुछ के लिए रूस को दोषी ठहराया गया, पिछले महीने अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच गई। कुछ यूरोपीय अधिकारियों ने इन घटनाओं को मॉस्को द्वारा नाटो की प्रतिक्रिया का परीक्षण बताया, जिससे यह सवाल उठा कि गठबंधन रूस के खिलाफ कितनी तैयार है।

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    पोलेंड के एयर स्पेस में घुसे रूसी ड्रोन

    10 सितंबर को, रूसी ड्रोन का एक झुंड पोलैंड के एयर स्पेस में घुस आया, जिससे नाटो के विमानों को उन्हें रोकने और मार गिराने के लिए पीछा किया। 24 फरवरी, 2022 को रूस द्वारा यूक्रेन पर अपना पूर्ण युद्ध शुरू करने के बाद से यह नाटो और मॉस्को के बीच पहली सीधी मुठभेड़ थी।

    कुछ दिनों बाद, नाटो के जेट विमानों ने एस्टोनिया के एयर स्पेस से तीन रूसी लड़ाकू विमानों को बाहर निकाला।

    ड्रोन घुसपैठ रोकने के लिए 'ड्रोन दीवार' बनाने पर सहमति

    तब से, महाद्वीप के अन्य स्थानों पर हवाई अड्डों, सैन्य प्रतिष्ठानों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे के पास ऐसी कई की घटनाएं हुई हैं और यूरोपीय रक्षा मंत्रियों ने यूरोप के एयर स्पेस का उल्लंघन करने वाले ड्रोन का पता लगाने, नजर रखने और उन्हें रोकने के लिए अपनी सीमाओं पर "ड्रोन दीवार" बनाने पर सहमति जताई।

    इनमें से कुछ के लिए रूस को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन उसने इस बात से इनकार किया है कि ऐसा जानबूझकर किया गया था या उसकी इसमें कोई भूमिका थी। यूरोपीय अधिकारियों ने ड्रोन घुसपैठ के बारे में ज्यादा जानकारी जारी नहीं की है, और कुछ ने तो कई दिनों बाद तक सार्वजनिक रूप से इन उड़ानों को स्वीकार भी नहीं किया।

    ड्रोन घुसपैठ की पुष्टि नहीं कर पाए अधिकारी

    अन्य मौकों पर, अधिकारी ड्रोन देखे जाने की सूचना की पुष्टि नहीं कर पाए। एक बार तो डेनमार्क के अधिकारियों को 24 घंटों में ड्रोन देखे जाने की 500 से ज्यादा सूचनाएं मिलीं जिनमें से कुछ तो बस आसमान में तारे ही साबित हुईं।

    इस समय देश इस पर प्रतिक्रिया देने के तरीके पर विचार कर रहे हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि क्या अधिकारियों को ड्रोन मार गिराने की अनुमति दी जाए। हालांकि, गुरुवार को रूसी सैन्य विमानों ने लिथुआनिया के एयर स्पेस का कुछ समय के लिए उल्लंघन किया, जिसे लिथुआनियाई राष्ट्रपति ने अपने यूरोपीय यूनियन और नाटो-सदस्य देश की क्षेत्रीय अखंडता का खुला उल्लंघन बताया।

    (समाचार एजेंसी एपी के इनपुट के साथ)

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