Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Myanmar Earthquake: ये तो चमत्कार है! भूकंप के पांच दिन बाद मलबे से जिंदा निकाले गए दो लोग

    Myanmar Earthquake म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को आए भयानक भूकंप में हजारों भवन धराशाही हो गए थे। पुल ढह गए और सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। सर्वाधिक नुकसान म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में हुआ। भूकंप का केंद्र भी इसी शहर के नजदीक था। म्यांमार ने राहत कार्यों में सहायता के लिए भारत का आभार जताया है।

    By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Wed, 02 Apr 2025 09:55 PM (IST)
    Hero Image
    म्यामांर में मलबे में दबे लोगों को बाहर निकाला गया।(फोटो सोर्स: रॉयटर्स)

    बैंकॉक, एपी। म्यामांर में पांच रोज पूर्व आए 7.7 की तीव्रता वाले विनाशकारी भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर बुधवार को 2,886 हो गई जबकि 4,639 लोग जख्मी हुए हैं। अभी भी सैकड़ों लोग लापता है। इस बीच बुधवार को बचाव कर्मियों ने मलबे में दबे दो लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस बीच बुधवार को तुर्किये और स्थानीय बचावकर्मियों की टीम ने राजधानी नेपिता में मलबे में दबे निंग लिन तुन को एक एंडोस्कोपिक कैमरे का इस्तेमाल करते हुए खोज निकला। तुन एक ध्वस्त हुए होटल के निचले तल पर फंसा हुआ था। उसे लगभग 108 घंटे बाद एक होल के माध्यम से सावधानीपूर्वक सुरक्षित निकाला गया और तुरंत स्ट्रेचर पर डालकर अस्पताल भेजा गया।

    भूकंप की वजह से हजारों इमारत तबाह

    स्थानीय अग्निशमन विभाग की टीम ने 26 वर्षीय निंग का एक वीडियो भी जारी किया जिसमें वह बिना शर्ट के और धूल में लिपटा हुआ था। इसमें वह कमजोर मगर सचेत दिखाई दिया। एक अन्य व्यक्ति को मलेशियाई और स्थानीय बचावकर्मियों की टीम ने सागिंग टाउनशिप में एक ढही हुई इमारत से बचाया।

    म्यांमार में शुक्रवार दोपहर को आए भयानक भूकंप में हजारों भवन धराशाही हो गए थे। पुल ढह गए और सड़कें भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। सर्वाधिक नुकसान म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले में हुआ। भूकंप का केंद्र भी इसी शहर के नजदीक था।

    म्यांमार ने राहत कार्यों में सहायता के लिए भारत का आभार जताया

    म्यांमार सरकार ने विनाशकारी भूकंप के बाद तुंरत राहत अभियान चलाने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया है। म्यांमार की सरकार के मुखिया सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने समाचार पत्र ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार के माध्यम से कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन म्यांमार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है।

    भारतीय राहत सामग्री यंगून अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर लगातार पहुंच रही है। समाचार पत्र ने बताया कि दोनों नेताओं के बीच हुई टेलीफोन वार्ता में सीनियर जनरल ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा म्यांमार और उसके लोगों के प्रति व्यक्त की गई संवेदना के लिए आभार व्यक्त किया।

    म्यांमार सरकार ने सीज फायर की घोषणा कीम्यांमार में सत्तारूढ़ सेना ने 22 अप्रैल तक सीज फायर यानी अस्थायी युद्धविराम की घोषणा की है ताकि भूकंप राहत कार्यों को सुगम बनाया जा सके और प्रभावित लोगों के प्रति सहानुभूति दिखाई जा सके। सेना की ओर से यह जानकारी बुधवार को राज्य टेलीविजन पर प्रसारित की गई।

    यह कदम उन आ‌र्म्स रजिस्टेंस ग्रुप्स द्वारा घोषित एकतरफा सीज फायर के बाद आया है, जो सैन्य शासन के खिलाफ जंग छेड़े हुए हैं। सरकार के इस निर्णय को मानवता की दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि यह भूकंप से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए एक सकारात्मक पहल है।

    बता दें कि म्यांमार की सेना ने फरवरी 2021 में आंग सान सू की की निर्वाचित सरकार से सत्ता छीन ली थी और तब से ही देश में गृह युद्ध चल रहा है।

    यह भी पढ़ें: Myanmar Earthquake: म्यांमार में फिर लगे भूकंप के झटके, चार दिन से बचाव अभियान जारी