Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    म्यांमार में भूकंप से अब तक 1600 से ज्यादा लोगों की मौत, 3400 घायल; कई लापता

    Updated: Sat, 29 Mar 2025 08:52 PM (IST)

    म्यांमार में शुक्रवार को आए शक्तिशाली भूकंप ने 1644 लोगों की जान ले ली है। इस भूकंप ने पूरे म्यामांर में तबाही मचा दी है। भूकंप का असर पड़ोसी देश थाईलैंड में भी देखने को मिला। भूकंप के कारण बिजली आपूर्ति प्रणाली में खराबी आ गई और मोबाइल नेटवर्क बाधित हो गया। बताया जा रहा है कि यह भूकंप इस साल का अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है।

    Hero Image
    भूकंप का केंद्र मांडले से केवल 20 किलोमीटर दूर था (फोटो: रॉयटर्स)

    जेएनएन, नई दिल्ली। पहले से ही गृह युद्ध की मार झेल रहे म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 की तीव्रता वाले भयावह भूकंप में मरने वालों की संख्या शनिवार को बढ़कर 1,644 हो गई। प्राकृतिक आपदा के चलते जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच, म्यांमार में शनिवार को फिर भूकंप के झटके लगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सबसे तेज झटका रिक्टर पैमाने पर 5.2 की तीव्रता वाला रहा। उधर, भारत ने पड़ोसी धर्म निभाते हुए म्यांमार में सबसे पहले बचाव दल भेजकर और मानवीय सहायता प्रदान करके राहत कार्यों में मदद पहुंचाई है। भारत ने भूकंप प्रभावितों की मदद के लिए 'आपरेशन ब्रह्मा' चलाया है और शनिवार को 15 टन राहत सामग्री भेजी।

    3000 से ज्यादा लोग घायल

    भारतीय वायु सेना के विमान और नौसेना के जहाजों को भूकंप प्रभावित राष्ट्र की सहायता के लिए तैनात किया गया है। यही नहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने म्यांमार के सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ खड़ा है और हरसंभव सहायता करेगा।

    उधर, सेना के नेतृत्व वाली म्यांमार सरकार की ओर से जारी एक बयान के अनुसार भूकंप के कारण अब तक 1,644 लोगों की मौत हो चुकी है तथा 3,408 अन्य लोग घायल हुए हैं। इसके अलावा काफी लोग लापता बताए जा रहे हैं। भूकंप के कारण क्षतिग्रस्त हुईं कई इमारतों के मलबे से और शव निकाले जा रहे हैं, जिससे मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका है।

    इंटरनेट सेवाएं भी ठप

    • शक्तिशाली भूकंप से काफी संख्या में इमारतें जमींदोज हो गई हैं। सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। पुल ढह गए हैं और एक बांध भी टूट गया है। सैन्य सरकार ने प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान तस्वीरें जारी की हैं। राष्ट्रपति भवन को भी काफी नुकसान पहुंचा है। राजधानी नेपिता में शनिवार को बचाव कर्मियों ने क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत के लिए काम शुरू किया।
    • इस बीच अधिकांश शहर में बिजली, फोन और इंटरनेट सेवाएं ठप रहीं। म्यांमार की सरकार ने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में रक्त की बड़ी मांग है। सीनियर जनरल ह्लाइंग ने कहा कि म्यांमार बाहरी सहायता स्वीकार करने के लिए तैयार है।
    • इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को एक्स पर लिखा- 'ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है। म्यांमार में भारतीय राजदूत अभय ठाकुर ने राहत सामग्री यांगून के मुख्यमंत्री यू सोई थीन को सौंपी।'

    भारत ने भेजी राहत सामग्री

    इस दौरान विदेश मंत्री म्यांमार के लिए भेजे जा रहे दूसरे सहायता पैकेज की तस्वीरें भी साझा कीं। उन्होंने लिखा- 'भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस सतपुरा और आइएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून के बंदरगाह की ओर बढ़ रहे हैं।' जयशंकर ने यह भी कहा कि एनडीआरएफ की 80 सदस्यीय खोज और बचाव टीम म्यांमार की राजधानी नेपिता के लिए रवाना हो गई है। एक फील्ड अस्पताल को भी हवाई मार्ग से वहां पहुंचाया जाएगा।

    इससे पूर्व सुबह, भारत ने म्यांमार के यांगून शहर में 15 टन राहत सामग्री भेजी, जिसे इसे भारतीय वायु सेना के सी130जे सैन्य विमान ने वहां पहुंचाया। अधिकारियों के अनुसार, इनमें तंबू, सोने के बैग, कंबल, तैयार भोजन, सौर लैंप, जनरेटर सेट और आवश्यक दवाएं शामिल थीं।

    यह भी पढ़ें: म्यांमार की आपदा में संकटमोचक बना भारत, आगरा से भेजे जाएंगे फील्ड अस्पताल; ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू