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    इस देश में पहली बार मिले मच्छर, वैज्ञानिकों को हो गई टेंशन; बेहद हैरान कर देने वाली है वजह

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 07:00 PM (IST)

    वैज्ञानिकों ने एक ऐसे देश में मच्छरों की खोज की है जहाँ पहले कभी मच्छर नहीं पाए गए थे। इस खोज ने चिंता बढ़ा दी है क्योंकि मच्छर कई बीमारियों के वाहक होते हैं और पारिस्थितिक तंत्र को बाधित कर सकते हैं। वैज्ञानिक मच्छरों की उत्पत्ति और उनके द्वारा लाए जाने वाले संभावित स्वास्थ्य जोखिमों का आकलन करने के लिए जांच कर रहे हैं।

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    आइसलैंड में मिले मच्छर। (प्रतीकात्मक)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आइसलैंड एक ऐसा देश जो अब तक मच्छर फ्री देश के रूप में जाना जाता था, अब वहां मच्छर मिलने की पुष्टि हुई है। आइसलैंड के एक नागरिक ने पिछले हफ्ते अपने घर पर मच्छर देखे और पुष्टि के लिए तस्वीरें भेजीं। एक वैज्ञानिक ने पुष्टि की है कि यह इस देश में इन कीड़ों का पहला मामला है, हालांकि यह पता लगाने के लिए आगे निगरानी की जरूरत है कि क्या यह प्रजाति यहां बस गई है।

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    आइसलैंड के राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान के कीटविज्ञानी मैथियास अल्फ्रेडसन ने पीटीआई को भेजे एक ईमेल में कहा कि मच्छरों की मौजूदगी हाल ही में आए मच्छरों का संकेत हो सकती है, जो संभवत: जहाजों या शिपिंग कंटेनरों के जरिए यहां पहुंचे होंगे।

    अचानक कहां से आए मच्छर?

    अल्फ्रेडसन ने कहा कि 'कुलीसेटा एनुअलाटा' नामक यह प्रजाति ठंडे मौसम की आदी हो सकती है, लेकिन ग्लोबल वार्मिंग के कारण गर्म परिस्थितियां मच्छरों के लिए यहां जीवित रहना और बसना आसान बना सकती हैं। उन्होंने कहा कि कुलीसेटा एनुअलाटा, या सीएस एनुलाटा, प्राकृतिक रूप से यूरोप के उत्तरी क्षेत्रों में पाया जाता है और जहरीले तापमान को सहन कर सकता है।

    अध्ययनों से पता चला है कि लगातार बढ़ते वैश्विक तापमान के साथ, उच्च आर्द्रता और वर्षा जैसी परिस्थितियां मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल वातावरण बना सकती हैं, जिससे संक्रामक मच्छर जनित बीमारियां उन क्षेत्रों में भी फैल सकती हैं जहां पहले बहुत कम मामले दर्ज किए गए थे। आइसलैंड पृथ्वी पर ऐसे कुछ स्थानों में से एक है, जहां मच्छन नहीं पाए जाते हैं। अंटार्कटिका भी एक ऐसा ही स्थान है।

    अल्फ्रेडसन ने बताया कि वे 2019 से, ब्योर्न हेजल्टासन वाइन रोपिंग नामक एक विधि का प्रयोग कर रहे हैं, जिसका उपयोग पतंगों को आकर्षित करने के लिए किया जाता है। इस विधि में एक लंबे कपड़े को रेड वाइन और चीनी के मीठे मिश्रण में भिगोया जाता है, जिसकी गंध पतंगों को आकर्षित करती है।

    जांच में हुई मादा मच्छर की पुष्टि

    उन्होंने कहा, "16 अक्टूबर की शाम को, ब्योर्न को अपनी वाइन रोप्स पर एक अप्रत्याशित चीज मिली, एक कीट जिसे उन्होंने शुरू में मच्छर समझा। उन्होंने मुझे एक तस्वीर भेजी, और करीब से जांच करने पर, यह पुष्टि हुई कि वह एक मादा मच्छर थी।" अगले दिन अल्फ्रेडसन, हेजाल्टसन के घर गए, जहां उन्हें एक नर नमूना मिला। उसके अगले दिन, एक मादा भी मिली।

    शुरू से ही यह स्पष्ट था कि ये कीड़े कुलिसेटा वंश के थे। कीटविज्ञानी ने कहा, "पहचान कुंजियों की जांच के बाद, प्रजाति का नाम, कुलिसेटा एनुअलाटा, निश्चित हो गया।"

    पहचान कुंजियां किसी जीव की प्रजाति निर्धारित करने के लिए उपयोग किए जाने वाले वैज्ञानिक उपकरण हैं। इनमें जीव के प्रत्यक्ष लक्षणों का वर्णन करने वाले युग्मित, विपरीत कथनों की एक श्रृंखला होती है, जिनका विश्लेषण किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए किया जाता है।

    इस मच्छर प्रजाति के लिए ठंडा मौसम अच्छा

    अल्फ्रेडसन ने बताया, "यह मच्छर प्रजाति ठंडे मौसम के लिए अच्छी तरह से अनुकूलित प्रतीत होती है, मुख्यतः इसकी वयस्क अवस्था में आश्रय वाले स्थानों में शीतकाल बिताने की क्षमता के कारण।"

    "यह उन्हें ठंडे तापमान पर लंबी और कठोर सर्दियों का सामना करने में सक्षम बनाता है," उन्होंने कहा और आगे कहा कि यह प्रजाति विविध प्रजनन आवासों का भी उपयोग करती है, जिससे आइसलैंड में बने रहने की इसकी क्षमता और बढ़ जाती है।

    जहाजों या कंटेनरों के जरिए से एंट्री संभव

    कीटविज्ञानी ने कहा, "इसकी उपस्थिति देश में हाल ही में, संभवतः जहाजों या कंटेनरों के माध्यम से, प्रवेश का संकेत दे सकती है।"

    उन्होंने आगे कहा कि हालांकि सीएस एनुलैटा एक शीत-सहिष्णु प्रजाति है, फिर भी गर्म जलवायु इस प्रजाति के लिए आइसलैंड में जीवित रहना और स्थापित होना आसान बना सकती है।
    अल्फ्रेडसन ने कहा, "इससे यहां आने वाले मच्छरों के अपने जीवन चक्र को सफलतापूर्वक पूरा करने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि यह विशेष खोज जलवायु परिवर्तन का प्रत्यक्ष परिणाम नहीं है, फिर भी धीरे-धीरे गर्म होती जलवायु भविष्य में आइसलैंड को कीट प्रजातियों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए अधिक अनुकूल बना सकती है।"

    हजल्टसन के घर के आसपास निगरानी जारी

    अल्फ्रेडसन ने कहा, अगले चरणों में हजल्टसन के घर के आसपास के क्षेत्र की निगरानी करना शामिल है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या प्रजातियों ने प्रजनन आबादी बनाई है और अगले वसंत या गर्मियों में अतिरिक्त मच्छरों की जांच की जा सके। हजलल्टसन के घर से प्राप्त सभी नमूने मेरे फ्रीजर में संग्रहीत हैं और आइसलैंड के प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में वैज्ञानिक संग्रह के एक भाग के रूप में संरक्षित किए जाएंगे।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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