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    दक्षिण कोरिया के मिरयांग में कलाकारों ने महाभारत को किया जीवंत, कथकली से जीता दर्शकों का दिल

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 06:59 PM (IST)

    दक्षिण कोरिया के मिरयांग में कलाकारों ने कथकली नृत्य शैली में महाभारत की कहानी प्रस्तुत की। इस प्रस्तुति ने दर्शकों का दिल जीत लिया और भारतीय संस्कृति का प्रसार किया। कथकली, केरल की पारंपरिक नृत्य शैली है, जो अपने विस्तृत श्रृंगार और भावपूर्ण अभिव्यक्तियों के लिए जानी जाती है। दर्शकों ने कलाकारों की प्रतिभा और समर्पण की सराहना की।

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    मिरयांग में सारंग महोत्सव। (X- @IndiainROK)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत और दक्षिण कोरिया के बीच मैत्री और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के एक नए चैप्टर की शुरुआत करते हुए, पूर्वोत्तर ग्योंगसांगनाम-डो प्रांत में स्थितमिरयांग में गुरुवार को भारत के प्रतिष्ठित शास्त्रीय नृत्य कथकली के एक यादगार प्रस्तुति दी गई।

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    दक्षिण कोरिया में भारतीय दूतावास ने X पर पोस्ट किया, "मिरयांग ने पहली बार 23 अक्टूबर को योग संस्कृति नगर में कथकली की शाश्वत सुंदरता का स्वागत किया। कहानी कहने, लय और अभिव्यक्ति का एक जीवंत प्रदर्शन भारत के सबसे प्रतिष्ठित शास्त्रीय नृत्य रूपों में से एक, कथकली ने संगीत और नृत्य के माध्यम से महाभारत के प्राचीन महाकाव्य को जीवंत कर दिया।

    दूतावास ने इस ऐतिहासिक प्रदर्शन के आयोजन के लिए मिरयांग शहर और योग संस्कृति नगर की सराहना की।

    कथकली से जीता दर्शकों का दिल

    पिछले हफ्ते, भारतीय दूतावास ने कोरिया गणराज्य में वार्षिक सारंग महोत्सव-भारत महोत्सव के 11वें संस्करण के उद्घाटन समारोह की मेजबानी की, जिMसमें एक मनमोहक कथकली प्रस्तुति दी गई, जो अपनी विस्तृत वेशभूषा, जीवंत श्रृंगार और भावपूर्ण भाव-भंगिमाओं के लिए प्रसिद्ध है।

    नामित राजदूत गौरांगलाल दास ने कथकली मंडली को सम्मानित किया, जिसने महाभारत के दुर्योधनवध पर आधारित एक घंटे के प्रदर्शन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। मिशन के उप-प्रमुख निशिकांत सिंह और सियोडेमुन-गु के मेयर ली सुंग-ह्योन ने स्वागत भाषण दिया। कथकली मंडली का नेतृत्व प्रसिद्ध कलाकार श्रीनाथन श्रीनाथ मंदिरम कर रहे हैं।

    क्या है सारंग महोत्सव?

    सारंग महोत्सव समृद्ध और विविध भारतीय संस्कृति के पहलुओं से परिचित कराता है, जिसमें शास्त्रीय नृत्य प्रदर्शन, संगीत, फिल्में, कला प्रदर्शनियां, पाककला अनुभव आदि शामिल हैं। इस कार्यक्रम में लगभग 400 अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें कोरिया में भारत के मित्र, विभिन्न क्षेत्रों से आए राजनयिक, मीडिया, सांस्कृतिक हस्तियां आदि शामिल थे।

    बुसान सिटीजन्स हॉल में हुआ कार्यक्रम

    दूतावास ने X पर पोस्ट करके कहा, "22 अक्टूबर को बुसान सिटीजन्स हॉल में कथकली की भव्यता का छऊ नृत्य की जीवंतता से मिलन हुआ। हर भाव और लय के जरिए से, भारत की भावना कोरिया की गर्मजोशी से मिली। कला और गति में बुनी गई मित्रता का उत्सव। सांस्कृतिक सद्भाव की इस अविस्मरणीय शाम को जीवंत बनाने के लिए भारतीय दूतावास के साथ हाथ मिलाने के लिए बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज (BUFS) का हार्दिक धन्यवाद।"

    सारंग महोत्सव के दौरान, दर्शक मनमोहक कथकली प्रस्तुतियों और भारतीय संगीत वाद्ययंत्रों के प्रदर्शन के साथ भारत की लय पर थिरकते देखे गए। यह महोत्सव दक्षिण कोरिया के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक, नामी द्वीप में आयोजित किया गया था।

    (समाचार एजेंसी आइएएनएस के इनपुट के साथ)

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