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    क्रेमलिन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की 10-सूत्रीय शांति योजना को किया खारिज

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Wed, 28 Dec 2022 05:43 PM (IST)

    क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा यूक्रेन के लिए कोई शांति योजना नहीं हो सकती है जो रूस में चार क्षेत्रों के प्रवेश के साथ रूसी क्षेत्र के बारे में आज की वास्तविकताओं को ध्यान में न रखे। जो योजनाएं इन वास्तविकताओं को ध्यान में नहीं रखती हैं।

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    24 घंटे में रूसी सेना ने यूक्रेनी शहर खेरसॉन में नागरिक ठिकानों पर 33 रॉकेट दागे हैं।

    मास्को, रायटर। रूस-यूक्रेन का युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं यूक्रेन की सेना ने बुधवार को जानकारी दी कि बीते 24 घंटे में रूसी सेना ने यूक्रेनी शहर खेरसॉन में नागरिक ठिकानों पर 33 रॉकेट दागे हैं। जिसके बाद दोनों तरफ लड़ाई तेज हो गई। इस बीच, क्रेमलिन ने बुधवार को यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की 10-सूत्रीय शांति योजना को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि यूक्रेन में संघर्ष को समाप्त करने के प्रस्तावों को ध्यान में रखना चाहिए कि रूस में शामिल होने वाले चार यूक्रेनी क्षेत्रों की 'आज की वास्तविकताओं' कैसी हैं।

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    प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा

    क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, 'यूक्रेन के लिए कोई शांति योजना नहीं हो सकती है, जो रूस में चार क्षेत्रों के प्रवेश के साथ रूसी क्षेत्र के बारे में आज की वास्तविकताओं को ध्यान में न रखे। जो योजनाएं इन वास्तविकताओं को ध्यान में नहीं रखती हैं, वे शांतिपूर्ण नहीं हो सकती हैं।'

    यूक्रेन और पश्चिमी देशों द्वारा निंदा किए गए जनमत संग्रह के बाद रूस ने सितंबर में यूक्रेन के दोनेत्स्क, लुहांस्क, खेरसॉन और जापोरिज़्जिया इलाकों को अपने क्षेत्र का हिस्सा घोषित किया था। बता दें कि रूस के चार क्षेत्रों में से किसी पर भी पूर्ण नियंत्रण नहीं है।

    राष्ट्रपति जेलेंस्की की 10-सूत्रीय शांति योजना

    वहीं राष्ट्रपति जेलेंस्की अपनी 10-सूत्रीय शांति योजना को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसकी घोषणा उन्होंने पहली बार नवंबर में की थी, इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ अन्य लोगों के साथ चर्चा की, और विश्व नेताओं से इसके आधार पर एक वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन आयोजित करने का आग्रह किया।

    इस योजना में यूक्रेन के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त क्षेत्र से रूसी सैनिकों की वापसी की कल्पना की गई है, जिसका मतलब होगा कि रूस उन चार क्षेत्रों को छोड़ देगा जिनका उसने दावा किया है, और क्रीमिया, जिसे उसने 2014 में जब्त कर लिया था।

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