किम जोंग का सख्त फरमान, ब्रेस्ट इंप्लांट कराने वाली महिलाओं मिलेगी कड़ी सजा
उत्तरी कोरिया में किम जोंग उन ने ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी पर रोक लगा दी है इसे असामाजिक और पूंजीवादी कार्य बताया है। नियम तोड़ने पर महिलाओं और डॉक्टरों को लेबर कैंप भेजने और सार्वजनिक मुकदमे जैसी कठोर सजा का प्रावधान है। किम जोंग उन के अनुसार स्तन वृद्धि सर्जरी और पलक सर्जरी गैर-समाजवादी कार्य हैं और अवैध हैं। उल्लंघन करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नॉर्थ कोरिया में किम जोंग उन ने ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी पर रोक लगा दिया है। ब्रेस्ट इंप्लांट सर्जरी को असामाजिक और पूंजीवादी काम बताया गया है। यही नहीं अगर महिला या डॉक्टर इस नियम का उल्लंघन करती है तो उसे लेबर कैंप भेजने और सार्वजनिक रूप से मुकदमा चलाने जैसी कठोर सजा भी दिया जा रहा है।
दरअसल, किम जोंग उन के अपने देश की महिलाओं को लेकर यह सख्त और अजीबोगरीब फरमान जारी किया है। नए नियम के मुताबिक, उत्तर कोरिया में ब्रेस्ट इंप्लांट यानी स्तन वृद्धि सर्जरी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। किम जोंग उन की सरकार इस नियम का सख्ती से पालन कर रही है।
विरोध करने वालों पर हो रही कार्रवाई
जो भी महिला या डॉक्टर इस नियम का विरोध करते हुए पकड़े जा रहे हैं, उन पर कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है। सरकार खुफिया और गश्ती टीमों के माध्यम से ऐसी महिलाओं की पहचान करा रही है। अगर किसी महिला पर सर्जरी का शक होता है, तो उसे किम जोंग उन की हेल्थ टीम द्वारा शारीरिक जांच से भी गुजरना पड़ सकता है।
स्तन वृद्धि सर्जरी पूरी तरह अवैध
गौरतलब है कि किम जोंग उन के नेतृत्व वाले उत्तर कोरिया में स्तन वृद्धि सर्जरी और पलक सर्जरी को "गैर-समाजवादी कार्य" माना जाता है। जो यहां पूरी तरह से अवैध है। अगर कोई ऐसा करता हुआ पाया जा रहा है तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। किम जोंग उन द्वारा नई योजनाओं की घोषणा उस वक्त की गई, जब एक डॉक्टर और 20 साल की दो महिलाओं को अवैध स्तन सर्जरी कराने के आरोप में सार्वजनिक मुकदमे का सामना करना पड़ा।
फिगर बनाना समाजवादी व्यवस्था के लिए खतरा
दक्षिण कोरियाई समाचार एजेंसी डेली एनके के मुताबिक, "सितंबर महीने में सारीवोन शहर के एक सांस्कृतिक केंद्र में एक डॉक्टर, जिसने अवैध रूप से स्तन वृद्धि की थी, और दो महिलाओं, जिन्होंने यह प्रक्रिया करवाई थी, के खिलाफ सार्वजनिक सुनवाई हुई। "सुनवाई के दौरान कहा गया कि महिलाएं पूंजीवादी रीति-रिवाजों से प्रभावित" हो गई थीं। जिसके चलते उसने "अपना फिगर बेहतर" करने की इच्छा जताई, इसलिए उन्हें समाजवादी व्यवस्था के लिए खतरा बताया गया। सार्वजनिक सुनवाई के चलते दोनों महिलाओं को बेइज्जती का सामना करना पड़ा।
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