India की नेशनल लैंग्वेज क्या है? स्पेन में भारतीय डेलिगेशन ने इस सवाल का दिया दिल जीतने वाला जवाब
द्रमुक सांसद कनीमोरी करुणानिधि ने स्पेन में कहा कि भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता और विविधता है। उन्होंने यह बात प्रवासी भारतीयों से संवाद करते हुए कही। पहलगाम हमले के बाद भारत का पक्ष रखने निकले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहीं कनीमोरी ने कहा कि उनका उद्देश्य दुनिया को यही संदेश देना है। प्रतिनिधिमंडल ने स्पेन के विदेश मंत्री से मुलाकात की।

एएनआई, मेड्रिड। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत त्रि-भाषा फार्मूले का विरोध कर रही तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुक की सांसद कनीमोरी करुणानिधि ने स्पेन में कहा कि एकता और विविधता भारत की राष्ट्रीय भाषा है। पहलगाम हमले के बाद दुनिया में भारत का पक्ष रखने के लिए भेजे एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्ष कनीमोरी ने कहा कि वे दुनिया को यही संदेश देने के लिए निकले हैं।
स्पेन में प्रवासी भारतीय समुदाय से संवाद के दौरान जब कनीमोरी से सवाल किया गया कि भारत की राष्ट्रीय भाषा क्या है तो उन्होंने कहा, 'एकता एवं विविधता भारत की राष्ट्रीय भाषा है। यही संदेश यह प्रतिनिधिमंडल दुनिया के लिए लेकर आया है और यही आज सबसे महत्वपूर्ण बात है।' इस बीच, प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अल्बारेस से मुलाकात की।
आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ स्पेन
स्पेन स्थित भारतीय दूतावास ने बताया कि इस दौरान अल्बारेस ने स्पेन की ओर से आतंकवाद के विरुद्ध भारत के प्रयासों का स्पष्ट समर्थन किया और वैश्विक शांति के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद कभी हावी नहीं होगा और इस मामले में स्पेन भारत के साथ है। एक साक्षात्कार में कनीमोरी ने बताया कि विदेश मंत्री ने काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया व्यक्त की और वह भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के संपर्क में हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि जब भारत आतंकवाद के विरुद्ध लड़ना चाहेगा और इसे समाप्त करना चाहेगा तो वे उसका समर्थन करेंगे।
भारत के लिए रवाना हुआ डेलिगेशन
स्पेन में आतंकवाद पीड़ितों के संघ ने भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। यह दुनिया के ऐसे सबसे बड़े संघों में से एक है जो 4,000 से अधिक आतंकवाद पीड़ितों के लिए काम करता है और प्रभावितों को मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करता है।
इस मुलाकात का मकसद एक दूसरे के अनुभवों और आतंकवाद पीडि़तों की मदद के सर्वश्रेष्ठ तरीकों को साझा करना था। स्पेन, ग्रीस, स्लोवेनिया, लाटविया और रूस की यात्रा पूरी करके अब यह प्रतिनिधिमंडल भारत के लिए रवाना हो गया है।
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