'अंत नजदीक है', अगले 5 सालों में पानी की एक बूंद के लिए भी तरसेगा काबुल, चौंका रही ये रिपोर्ट
जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया में पानी की उपलब्धता कम हो रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान की राजधानी काबुल अगले पांच वर्षों में पानी की कमी से जूझने वाला पहला आधुनिक शहर हो सकता है। 2030 तक काबुल में पानी की भारी कमी हो सकती है जिससे लाखों लोग विस्थापित हो सकते हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। दुनिया में जलवायु परिवर्तन की वजह से पानी की उपलब्धता और भी कम होने की संभावना है। कुछ विशेषज्ञों का तो ये भी कहना है कि पानी की कमी की वजह से भविष्य में युद्ध हो सकता है। इन सब के बीच एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पानी की कमी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की गई है।
ए मर्सी कॉर्प्स की रिपोर्ट के मुताबिक, काबुल अगले पांच सालों में पानी की कमी से जूझने वाला पहला आधुनिक शहर हो सकता है। यानी कि 2030 में काबुल पूरी तरह से सूख जाएगा और वहां के लोग पानी की एक बूंद के लिए भी तरसेंगे। जलवायु परिवर्तन और दशकों से चल रहे संघर्ष ने काबुल की जल समस्या को और भी गहरा कर दिया है। विशेषज्ञों ने का मानना है कि अगर इस समस्या का समाधान जल्द नहीं किया गया तो लाखों लोग विस्थापित हो सकते हैं।
काबुल में कितनी गहरी है पानी की समस्या?
रिपोर्ट के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन और पानी का बहुत ज्यादा दोहन करने की वजह से काबुल में ग्राउंडवाटर लेवल में भारी गिरावट आई है। पिछले एक दशक में काबुल का जलभृत स्तर (भूजल को इकट्ठा करने वाली चट्टानों या मिट्टी की एक परत) 30 मीटर तक गिर गया है।
इतना ही नहीं शहर के लगभग आधे बोरवेल सूख गए हैं। ये बोरवेल वहां रहने वालों के लिए पीने के पानी का मुख्य सोर्स हैं। अगर इसी तरह की स्थिति बनी रही तो 2030 तक जमीन के नीचे मौजूद वॉटर सोर्स पूरी तरह से सूख जाएंगे और काबुल के अस्तित्व पर खतरा हो सकता है। रिपोर्ट में ये भी चेतावनी दी गई है कि शहर में जल संकट की वजह से लगभग 30 लाख अफगानी विस्थापित हो सकते हैं।
काबुल में वाटर क्राइसिस के पीछे क्या है कारण?
- विशेषज्ञों के मुताबिक, तेजी से बढ़ती जनसंख्या।
- जलवायु परिवर्तन।
- शासन की विफलताएं।
- 2001 में काबुल की जनसंख्या दस लाख से भी कम थी, जो आज लगभग 60 लाख हो गई।
- 500 से ज्यादा बोतलबंद पानी या सॉफ्ट ड्रिंक कंपनियां पानी का इस्तेमाल कर रही हैं।
- एक कंपनी साल में 1 अरब लीटर पानी निकालती है।
- ग्रीन हाउस भी सालाना 4 अरब लीटर पानी ले रहे हैं।
- काबुल में फैला जल प्रदूषण।
- 80 फीसदी भूजल असुरक्षित।
- पानी में सीवेज, आर्सेनिक और लवणता की मात्रा बहुत ज्यादा।
मर्सी कॉर्प्स की रिपोर्ट के मुताबिक, "काबुल के भूजल को भरने वाली तीन नदियां - काबुल नदी, पघमन नदी और लोगर नदी - हिंदू कुश पर्वतों से आने वाली बर्फ और ग्लेशियर के पिघले पानी पर बहुत अधिक निर्भर हैं। अक्टूबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच, अफगानिस्तान में पिछले सालों की तुलना में चरम सर्दियों के मौसम में औसत बारिश का केवल 45 से 60 प्रतिशत ही मिला।"
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