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    जस्टिन ट्रूडो का इस्‍तीफा: कभी आइकन हुआ करते थे कनाडाई पीएम तो अब मजाक कैसे बन गए?

    Updated: Tue, 07 Jan 2025 07:57 PM (IST)

    Canadas PM Justin Trudeau Icon to Political Punchline जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफे का एलान कर दिया है और लिबरल पार्टी के नेता पद से रिजाइन कर दिया है। कभी लिबरल आइकन रहे ट्रूडो अब राजनीतिक मजाक का पात्र कैसे बन गए? अगर कनाडा में अभी हो जाएं चुनाव तो ट्रूडो की पार्टी का क्‍या होगा?

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    जस्टिन ट्रूडो का इस्तीफा: कनाडा का पीएम बनने से लेकर पद छोड़ने की एलान करने तक। फाइल फोटो

     डिजिटल डेस्‍क, टोरंटो/नई दिल्‍ली। कनाडा में जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री पद से इस्‍तीफा देने का एलान कर दिया है। कनाडा के 23वें पीएम और एक दशक से अधिक समय तक लिबरल पार्टी के नेता रहे ट्रूडो जब 11 साल पहले सत्ता में आए थे, तब वह लिबरल आइकन हुआ करते थे। ट्रूडो अपनी प्रगतिशील राजनीति के चलते दुनिया भर में ख्याति पाई।

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    अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की राष्‍ट्रपति के तौर पर वापसी ट्रूडो के लिए आपदा से कम नहीं रही। जब ट्रूडो अमेरिका में ट्रंप से मिलने पहुंचे तो अमेरिकी नवनिर्वाचित राष्‍ट्रपति ने  उनका 'गवर्नर टूडो' कहकर मजाक का पात्र बना दिया। इतना ही नहीं, उस वक्त डोनाल्ड  ट्रंप कनाडा को भी 51 वां राज्य कहा था।

    राजनीति में कैसे आए ट्रूडो?

    53 वर्षीय जस्टिन ट्रूडो नेता बनने से पहले  वैंकूवर में टीचर थे। उन्होंने फिल्मों में भी काम किया। फिल्म द ग्रेट वार में एक्टिंग की। फिर साल 2008 में कनाडा की संसद में लिबरल पार्टी के सदस्य के तौर पर राजनीति में शामिल हुए।

    साल 2011 में चुनाव हुए, जिसमें लिबरल पार्टी 34 सीटों पर जीती। ऐसे में 2013 में लिबरल पार्टी की कमान ट्रूडो को सौंप दी गई। ट्रूडो के नेतृत्व में साल 2015 में कनाडा में चुनाव हुए। लिबरल पार्टी 184 सीटें जीती और बहुमत से सरकार बनाई। इसी के साथ जस्टिन 44 साल की उम्र में कनाडा के 22वें प्रधानमंत्री बन गए थे।

    बहुमत से जीत, फिर अल्‍पमत में कैसे आ गए ट्रूडो

    जस्टिन ट्रूडो ने चुनाव में वादा किया था कि वह चाइल्ड केयर और मारिजुआना को वैध बनाएंगे। उन्‍होंने इन वादों को पूरा भी किया। लेकिन वोटिंग सिस्टम बदलने और खर्च कटौती करने के वादे पूरे नहीं कर पाए।

    हालांकि, ये दो वादे भी पूरे होंगे, इसी उम्‍मीद में मतदाताओं ने 2019 और 2021 में भी ट्रूडो पर भरोसा जताया। हालांकि, पहली बार जैसा बहुमत नहीं मिल पाया।

    ट्रूडो को पिता से विरासत में मिली  थी राजनीति?

    जस्टिन ट्रूडो कनाडाई नेता और 15 साल पीएम की कुर्सी पर रहने वाले पीटर्स ट्रूडो के बेटा हैं। पीटर्स ट्रूडो अपनी करिश्माई और प्रभावशाली नेतृत्व शैली के लिए जाने जाते थे। वह साल 1968 से 1979 तक और फिर 1980 से 1984 तक सत्ता में थे। हालांकि, उन्होंने बीमारी के चलते  1984 में पीएम पद छोड़ दिया था।

    क्‍या ट्रंप ने कराया ट्रूडो की पार्टी में विद्रोह?

    अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुने जाने के बाद ट्रंप ने कहा था कि वह राष्ट्रपति पद संभालते ही कनाडा से निर्यात होकर अमेरिका आने वाले सभी उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर साइन करेंगे।

    इसके बाद कनाडा की उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने पद से रिजाइन कर दिया। इसके बाद ट्रूडो के 20 सांसदों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर पीएम पद से इस्तीफे की मांग की।

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    कौन ले सकता है ट्रूडो की जगह?

    ट्रूडो की जगह लेने वालों की रेस में हाल ही में रिजाइन करने वाली उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड और एमिली थॉर्नटन, मेलानी जोली, डोमिनिक लेब्लांक,  मार्क कार्नी और फिलिप शैम्पेन शामिल हैं।

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    कनाडा आज हो जाएं चुनाव तो क्या  लिबरल पार्टी जीतेगी?

    कनाडा में ताजा सर्वे में पता चलता है कि  कंजरवेटिव पार्टी अपनी सत्ताधारी पार्टी लिबरल्स से 26 अंकों से आगे चल रही है। यह कंजरवेटिव पार्टी के लिए सबसे बड़ी बढ़त मानी जा रही है।

    338 कनाडा डॉट कॉम की ओर से कराए गए सर्वे में अगर अभी चुनाव होते हैं तो कंजरवेटिव पार्टी को प्रचंड बहुमत यानी 236 सीटों मिल सकती हैं। जबकि ट्रूडो की 30 से 35 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है।

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