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इटली का दावा- कोरोना वायरस को खत्‍म करने में सक्षम है उनकी बनाई एंटीबॉडी वैक्‍सीन

इटली की टाकिस बायोटेक कंपनी ने एक ऐसी एंटीबॉडी वैक्‍सीन तैयार की है जो शरीर में जाकर कोरोना वायरस के संक्रमण को खत्‍म कर देती है। इसका चूहों पर किया प्रयोग सफल रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Thu, 07 May 2020 06:19 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 11:32 AM (IST)
इटली का दावा- कोरोना वायरस को खत्‍म करने में सक्षम है उनकी बनाई एंटीबॉडी वैक्‍सीन
इटली का दावा- कोरोना वायरस को खत्‍म करने में सक्षम है उनकी बनाई एंटीबॉडी वैक्‍सीन

रोम। इटली के वैज्ञानिकों ने कोरोना का एक ऐसा टीका तैयार करने का दावा किया है जो शरीर में जाकर एंटीबॉडी विकसित करता है। वैज्ञानिकों का यहां तक कहना है कि यह टीका इंसानी कोशिकाओं में कोरोना को बेअसर कर देता है। वैज्ञानिकों ने इस टीके के चूहों पर किए गए सफल प्रयोग के बाद उम्‍मीद जताई है कि ये टीका उन हजारों टीकों के बीच बेहतर साबित हो सकता है जिनका परीक्षण पूरी दुनिया में कोविड-19 से संक्रमित रोगियों पर किया जा रहा है। इटली की न्‍यूज एजेंसी एएनएसए के मुताबिक इस टीके को टाकिस बायोटेक कंपनी ने तैयार किया है।

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रोम के स्पैलनजानी संस्थान में किए गए प्रयोग के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि इसके जरिए न सिर्फ चूहों के शरीर में एंटीबॉडी विकसित हुए बल्कि इसने वायरस को भी कोशिकाओं को संक्रमित करने से रोक दिया। एजेंसी की मानें तो अभी विकसित किए जा रहे टीके डीएनए प्रोटीन स्पाइक की आनुवंशिक सामग्री पर आधारित हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक इस नए टीके को इंट्रामस्क्युलर यानी सीधे विशेष मांसपेशियों के केंद्र में दिया जाने वाला इंजेक्शन के तरीके से इंजेक्ट किया जाएगा, जिसके बाद एक हल्‍का करंट पास किया जाएगा। शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तरीका विशेष रूप से फेफड़ों की कोशिकाओं में स्पाइक प्रोटीन से लड़ने में कार्यात्मक एंटीबॉडी उत्पन्न करने के लिए उनके टीके को प्रभावी बनाता है।

 

आपको बता दें कि नीदरलैडर और जर्मनी ने भी पिछले दिनों लैब में एंटीबॉडी बनाने का दावा किया था। इजराइल की तरफ से इसका दावा वहां के रक्षा मंत्री ने किया था। उनके मुताबिक इसको देश के नामी इंस्टीट्यूट ऑफ बायोलॉजिकल रिसर्च (आईआईबीआर) की प्रयोगशाला में तैयार किया है। आईआईबीआर के मुताबिक ये एंटीबॉडी वायरस को खत्‍म करने के प्रयोग में सफल रहा है। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया है कि इसका प्रयोग इंसानों पर किया गया है या नहीं। वहीं आईआईबीआर का कहना है कि इस एंटीबॉडी के जरिये कोरोना वायरस से लड़ने वाली दवा या वैक्सीन तैयार की जा सकती है।

इसके अलावा नीदरलैंड की उट्रेच यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी ऐसा ही दावा किया है। इस एंटीबॉडी को डेवलेप करने वाली टीम के हैड बर्नेड जान बॉश के मुताबिक इस कृत्रिम एंटीबॉडी ने कोशिका में मौजूद वायरस को खत्‍म कर दिया। नीदरलैंड ने भी इजराइल की तरह ही दावा किया है कि इस कदम से कोरोना की वैक्‍सीन बनाने में सफलता मिल सकती है। उनकी ये रिसर्च जर्नल नेचर कम्यूनिकेशंस में पब्लिश भी हुई है।

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