जानिए- प्राचीन काल में मनुष्य कैसे जीते थे लंबी जिंदगी
शोधकर्ताओं ने प्राचीन काल में चिकित्सकीय सुविधाओं के अभाव में कम आयु की अवधारणा को बताया गलत
मेलबर्न (प्रेट्र)। सैकड़ों वर्ष पूर्व जब दवाएं या अन्य चिकित्सकीय तकनीक उपलब्ध नहीं थीं, उस वक्त भी लोग लंबे समय जीवित रहते थे। कई वैज्ञानिक और पुरातत्वविद लंबे समय से मानते आ रहे हैं कि इतिहास के शुरुआती दौर में व्यक्ति 40 से 45 वर्ष से अधिक लंबा जीवन व्यतीत नहीं कर पाते थे, लेकिन हाल ही में ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी ने अध्ययन में पाया कि दवाएं उपलब्ध न होने के बावजूद भी प्राचीनकाल में लोग 90-95 साल तक जिंदा रहते थे।
टूथ वियर का अध्ययन कर पता लगाई उम्र
वैज्ञानिक क्रिस्टीन केव ने मृत व्यक्ति के टूथ वियर का अध्ययन कर उनकी उम्र का पता लगाया। दांत की सतह के धीरे-धीरे घिसने को टूथ वियर कहते हैं, उम्र बढ़ने के साथ व्यक्ति का टूथ वियर भी बढ़ने लगता है। केव ने 475 से 625 के बीच दफनाए गए तीन एंगलो- सैक्सन अंग्रेजों के टूथ वियर की जांच की। इससे मिली जानकारी की तुलना उसी नस्ल के जीवित व्यक्ति के टूथ वियर से की गई।
उस दौर में औसतन आयु थी 70 वर्ष
जर्नल ऑफ एंथ्रोपोलॉजिकल आर्कियोलॉजी में छपे परिणाम के अनुसार उस वक्त व्यक्ति का लंबा जीवन सामान्य बात थी। वहीं, उस दौर में औसतन आयु 70 वर्ष थी। केव के मुताबिक, जब व्यक्ति पूरी तरह परिपक्व हो तो उसके कंकाल अवशेषों का अध्ययन कर सही उम्र का पता लगाना नामुमकिन सा होता है। इसलिए पुरातत्वविद 40 और 95 वर्ष के मृत व्यक्तियों में अंतर कर पाने में असक्षम थे। नई तकनीक से पुरातत्व वैज्ञानिक प्राचीन काल के लोगों के बारे में सटीक अनुमान लगा पाएंगे।
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