Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Benjamin Netanyahu: पूर्व पीएम ओलमर्ट ने नेतन्याहू को किया बदनाम, परिवार को हर्जाना देने के निर्देश

    By Versha SinghEdited By:
    Updated: Mon, 21 Nov 2022 02:33 PM (IST)

    इजरायल की एक अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया। जिसमें अदालन ने कहा कि इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने अपने उत्तराधिकारी बेंजामिन नेतन्याहू को बदनाम किया और उन्हें पूर्व नेता और उनके परिवार को हर्जाना देने का आदेश दिया।

    Hero Image
    पूर्व पीएम ओलमर्ट ने नेतन्याहू को किया बदनाम

    यरुशलम, एजेंसी। इजरायल की एक अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया कि इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद ओलमर्ट ने अपने उत्तराधिकारी बेंजामिन नेतन्याहू को बदनाम किया और उन्हें पूर्व नेता और उनके परिवार को हर्जाना देने का आदेश दिया।

    इस साल की शुरुआत में हाई-प्रोफाइल मानहानि के मुकदमे ने देश के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले नेता के खिलाफ जेल जाने वाले एकमात्र इजरायली प्रधानमंत्री को खड़ा कर दिया।

    यह भी पढ़ें- इजरायल के राष्ट्रपति ने नागरिकों से कहा- राजनीतिक गतिरोध को तोड़ने के लिए करें मतदान, हर वोट है जरूरी

    नेतन्याहू ने अनिर्णायक संसदीय चुनावों की एक श्रृंखला के बाद 2021 में की गई टिप्पणियों के लिए ओलमर्ट पर मुकदमा दायर किया। उस समय, नेतन्याहू ने भ्रष्टाचार के आरोपों के मुकदमे के दौरान पद छोड़ने से इनकार कर दिया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तेल अवीव मजिस्ट्रेट की अदालत ने ओलमर्ट के इस दावे को खारिज कर दिया कि नेतन्याहू ने "पागल व्यवहार" का प्रदर्शन किया और उनकी पत्नी और बेटे "मानसिक बीमारी" से पीड़ित थे, उन्होंने कहा कि वह "सद्भावना में एक राय व्यक्त कर रहे थे"।

    अदालत ने फैसला सुनाया कि अप्रैल 2021 में डेमोक्राटीवी पर ओल्मर्ट की टिप्पणी ने चरित्र की मानहानि की और पूर्व प्रधान मंत्री को नेतन्याहू और उनके परिवार को लगभग 18,000 अमरीकी डालर के हर्जाने के साथ-साथ कानूनी खर्च का भुगतान करने का आदेश दिया। ओलमर्ट फैसले के खिलाफ अपील कर सकते हैं।

    एक नवंबर को हुआ था चुनाव

    राष्ट्रपति हर्जोग ने शुक्रवार को घोषणा की थी कि वह नेतन्याहू को उन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ परामर्श के बाद एक नई सरकार बनाने के लिए कहेंगे, जो 1 नवंबर को होने वाले चुनावों में 25वें नेसेट के लिए चुने गए हैं। पिछले बुधवार को केंद्रीय चुनाव समिति के अध्यक्ष से औपचारिक रूप से चुनाव के परिणाम प्राप्त करने के तुरंत बाद इजरायल के राष्ट्रपति ने राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ चर्चा शुरू कर दी।

    नेतन्याहू की पार्टी ने जीती 32 सीटें

    नेतन्याहू की सत्तारूढ़ लिकुड पार्टी ने केसेट में 32 सीटें जीतीं, जबकि निवर्तमान प्रधान मंत्री यायर लैपिड (YairLapid's Yesh Atid) की येश अतीद को 24 सीटें मिलीं। अंतिम गिनती समाप्त होने के बाद चुनावों का सबसे बड़ा आश्चर्य दक्षिणपंथी धार्मिक ज़ायोनीवाद पार्टी है, जिसने 14 सीटें जीतकर तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। नेतन्याहू के अन्य संभावित गठबंधन सहयोगी, शास और यूनाइटेड टोरा यहूदी धर्म ने क्रमशः 11 और सात सीटें जीतीं, जिससे ब्लॉक की कुल संख्या 64 हो गई।

    यह भी पढ़ें- Benjamin Netanyahu ने 2021 में ही कर दी थी सत्ता में वापसी की भविष्यवाणी, पीएम कार्यालय में छोड़ा था खास नोट

    नेतन्याहू पर लगा था रिश्वतकोरी का आरोप

    चुनाव का परिणाम, चार साल से भी कम समय में पांचवां, 2019 में शुरू हुए राजनीतिक गतिरोध की एक अभूतपूर्व अवधि को समाप्त करता है, जब नेतन्याहू पर रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी और विश्वास के उल्लंघन का आरोप लगाया गया था, जिससे उन्होंने इनकार किया।

    विपक्ष में रहकर नेतन्याहू ने की थी सरकार की जमकर आलोचना

    प्रधानमंत्री पद को छोड़ने के बाद से नेतन्याहू नफ्ताली बेनेट सरकार के खिलाफ आवाज उठाते रहे। उन्होंने हर मोर्चे पर ना केवल सरकारी नीतियों का विरोध किया, बल्कि सरकार के काम करने के रवैये पर भी जनता का ध्यान आकर्शित कराया। विपक्ष में रहने के दौरान नेतन्याहू ने सत्ताधारी दल पर आरोप लगाए की सत्ता के लिए ही अलग-अलग विचारधार रखने वाली पार्टियां साथ आई है। नेतन्याहू की इस मेहनत का फल उन्हें पिछले हफ्ते हुए आम चुनावों में मिला जिसमें उनके नेतृत्व वाले दक्षिणपंथी दल लिकुड पार्टी ने 120 में से 64 सीटें जीतीं। मालूम हो कि उन्हें सत्ता में वापसी करने के लिए 61 सीटों की आवश्यकता थी।

    आम चुनाव में नेतन्याहू की जोरदार जीत

    73 साल के नेतन्याहू ने आम चुनाव में जोरदार जीत हासिल की है। मालूम हो कि पिछले चार सालों के दौरान इजरायल में यह पांचवा आम चुनाव था, जिसमें किसी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिला है। पिछले चुनावों के बाद सरकारें बनी जरूर लेकिन वे टिकाऊ साबित नहीं हुईं थी। इजरायल की राजनीति में नेतन्याहू हमेशा से सबसे बड़े नेता रहे है। लेकिन पिछले साल हुए चुनाव में उनके खिलाफ कई विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई थी, जिसके बाद उन्हें इजरायल का सर्वोच्च राजनीतिक पद छोड़ना पड़ा था। इजरायल के टेल अवीव में 1949 में जन्मे नेतन्याहू के नाम देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहने का रिकार्ड है। एक बार फिर प्रधानमंत्री की गद्दी पर वापस आकर उन्होंने अपने विरोधियों को करारा जवाब दिया है।