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    Israel Hamas War: इस्लामी हमलों के बाद EU ने सुरक्षा को लेकर जताई चिंता, शरणार्थियों की स्क्रिनिंग पर दिया जोर

    लक्जमबर्ग में ईयू देशों के आंतरिक सुरक्षा व न्याय मंत्रियों की बैठक में ब्रसेल्स और फ्रांस में घातक हमले को लेकर चर्चा की गई। इन हमलों के बाद क्या कदम उठाएं जाएं इसे लेकर मंत्रियों ने मंथन किया। बैठक में हमास इजरायल युद्ध को लेकर भी चर्चा की गई। इस युद्ध के कारण यूरोप में शरणार्थी संकट और गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है।

    By Jagran NewsEdited By: Shubham SharmaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 06:30 AM (IST)
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    शरणार्थियों को लेकर ईयू करेगा सख्ती।

    रायटर, ब्रसेल्स। इजरायल हमास युद्ध के बीच बेल्जियम और फ्रांस में हमलों से चिंतित यूरोपीय संघ (ईयू) अब शरणार्थियों और प्रवासियों को लेकर सख्ती बरतेगा। ईयू के देशों के मंत्रियों ने ब्रसेल्स में गुरुवार को कहा कि ईयू के सदस्य देश प्रवासियों व शरणार्थियों की बेहतर तरीके से स्क्रीनिंग करें, जिन्हें सुरक्षा के लिए खतरा समझा जाए उन्हें तुरंत निष्कासित कर दिया जाए।

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    सभी ईयू देशों के मंत्रियों ने सख्त आव्रजन नीति को लागू करने का वादा किया। लक्जमबर्ग में ईयू देशों के आंतरिक सुरक्षा व न्याय मंत्रियों की बैठक में ब्रसेल्स और फ्रांस में घातक हमले को लेकर चर्चा की गई। इन हमलों के बाद क्या कदम उठाएं जाएं इसे लेकर मंत्रियों ने मंथन किया। बैठक में हमास इजरायल युद्ध को लेकर भी चर्चा की गई।

    खामियों को करना होगा दूर

    इस युद्ध के कारण यूरोप में शरणार्थी संकट और गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है। यूरोपीय संघ की प्रवासन आयुक्त यल्वा जोहानसन ने बताया, जो लोग हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन सकते हैं उन्हें निकाला जाए। हमें खामियों को दूर करना होगा। शीघ्रता से निर्णयों पर अमल करना होगा। 45 वर्षीय ट्यूनीशियाई बंदूकधारी ने सोमवार को बेल्जियम की राजधानी में स्वीडन के दो नागरिकों की हत्या कर दी थी।

    सुरक्षा के लिए खतरा

    शरण अनुरोध को अस्वीकार कर दिए जाने के बाद वह अवैध रूप से वहां रह रहा था। वह 2011 में इटली के लैम्पेडुसा द्वीप से होते हुए ईयू पहुंचा। वह स्वीडन में भी रहा। वहीं फ्रांस के एक स्कूल में 20 वर्षीय युवक ने शुक्रवार को फ्रेंच शिक्षक की हत्या कर दी थी। हमले के दौरान वह अल्लाह हू अकबर का नारा लगा रहा था। हमले से पहले से ही आशंका थी कि वह सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है, लेकिन मौजूदा कानून के तहत निष्कासित नहीं किया जा सका।

    बैठक में पहुंचे फ्रांस के गृह मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने यूरोपीय संघ के प्रवासन नियमों के शीघ्र कार्यान्वयन और शरण अनुरोधों पर त्वरित निर्णय लेने का आह्वान किया। यूरोपीय संघ की सख्त आव्रजन नीति को इस वर्ष अंतिम रूप दिए जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, यूरोप को सीमाओं का प्रबंधन करना चाहिए, लोगों को पंजीकृत करना चाहिए।

    चुनौतियों के बीच ईयू के सदस्यों ने उठाए कदम

    संकट के बीच ईयू के सदस्य देशों ने कदम उठाना शुरू कर दिया है। स्पेन ने संकट के समय ईयू के सदस्य देशों और अमेरिका जैसे प्रमुख भागीदारों के बीच निर्णय लेने और समन्वय में तेजी लाने के लिए तंत्र को सक्रिय किया है। इजरायल-हमास युद्ध के मद्देनजर इटली सीमा जांच शुरू कर रहा है। आतंकी खतरों और बाहरी सीमाओं की स्थिति का हवाला देते हुए फ्रांस ने भी सुरक्षा कड़ी कर दी है। बेल्जियम, फ्रांस और जर्मनी में पुलिस तैनाती बढ़ा दी गई है।

    युद्ध के बाद से कई यूरोपीय शहरों में फलस्तीन समर्थक रैलियां आयोजित की गई हैं। फ्रांस ने उन पर प्रतिबंध लगा दिया है. जर्मनी ने भी हमास के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का वादा किया है, जो पहले से ही यूरोपीय संघ की आतंकी संगठनों की सूची में है। यूरोपीय संघ ने तुर्किये और ट्यूनीशिया के साथ समझौते किए हैं ताकि उन्हें प्रवासियों को यूरोप पहुंचने से रोकने के लिए राजी किया जा सके। यदि वे वहां पहुंचते हैं तो उन्हें वापस ले लिया जाए। लेकिन इस पर ठीक से अमल नहीं हो पा रहा है। यूरोपीय संघ की नजर मिस्त्र, मोरक्को के साथ नए प्रवासन सौदों पर है।

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