मोहल्ला मलबे में दफन, घर का सिर्फ निशान मिला... 6 महीने बाद लौटे फलस्तीनियों ने देखा कुछ ऐसा नजारा
इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम के बाद गाजा में तबाही का मंजर है। फलस्तीनी अपने घरों को लौट रहे हैं, लेकिन कई लोगों के घर पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति की मध्यस्थता से युद्धविराम हुआ है, जिसके तहत बंधकों और कैदियों की रिहाई होगी। इजरायल ने सेना हटाने की घोषणा की है और राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है। अमेरिका ने भी सैनिकों की तैनाती की है।

गाजा में सीजफायर के बाद घर लौटते लोग।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इजरायल-हमास के बीच बीते दिन शुक्रवार से युद्धविराम लागू हो गया। इसके बाद गाजा की तटवर्ती सड़क पर शुक्रवार को इंसानों का सैलाब उमड़ उमड़ पड़ा। इलाके में शांति आने के बाद लोगों ने चैन की सांस ली।
हजारों फलस्तीनी अपने बच्चों और बचे हुए सामान के साथ गाजा शहर की ओर लौटे। इन्ही में से एक शेख रदवान इलाके के इस्माइल जायदा जब अपने घर पहुंचे तो उनकी आंखों में राहत और दर्द दोनों ही थे। उन्होंने कहा, मेरे घर का सिर्फ निशान मिला है और पूरा मोहल्ल मलबे में दफन है। आसपास के मकान ढह चुके हैं, बिजली-पानी ठप है और सड़कें कब्रिस्तान सी लग रही हैं।
डोनल्ड ट्रंप की मध्यस्थता से हुआ सीजफायर
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की वजह से यह युद्धविराम हुआ। इसके तहत हमास 72 घंटे के भीतर 20 जिंदा इजरायली बंधकों को छोड़ेगा, इसके बदले इजरायल 250 फलस्तीनी कैदियों और 1700 हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करेगा।
इजरायल ने 53 प्रतिशत इलाके से सेना हटाने की घोषणा की है। अब 600 राहत ट्रक हर दिन गाजा पहुंचेगे। मलबे में दबी जिंदगियों के बीच लोग उम्मीद कर रहे हैं कि शायद अब गाजा में शांति लौटे।
अमेरिकी सैनिकों की होगी तैनाती
पहली बार 12 साल बाद किसी संघर्ष में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती होगी। दरअसल, गाजा में युद्धविराम के बाद अमेरिका ने 200 सैनिकों की सीमित तैनाती की घोषणा की है। यह तैनाती यूएन और मिस्त्र की टीमों के साथ होगी। अमेरिका सैनिक युद्धविराम की स्थिति पर नजर रखेंगे, राहत सामग्री के सुरक्षित वितरण में मदद करेंगे और सुरक्षा मुहैया कराएंगे।
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